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Gen Z protests: नेपाल के प्रसिद्ध पशुपति नाथ मंदिर में तोड़फोड़ के बाद सेना तैनात, देश में अराजकता का 'राज'

पड़ोसी देश नेपाल में हालात बेकाबू हैं। प्रसिद्ध पशुपति नाथ मंदिर में तोड़फोड़ के बाद सेना तैनात कर दी गई है। फिलहाल देश में आपातकाल जैसे हालात हैं और चारों ओर अराजकता का माहौल बना हुआ है। 

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Mukesh Pandit
Pashupati nath temple

नेपाल स्थित पशु पति नाथ मंदिर

काठमांडू, वाईबीएन डेस्क।पड़ोसी देश नेपाल में हालात बेकाबू हैं। प्रसिद्ध पशुपति नाथ मंदिर में तोड़फोड़ के बाद सेना तैनात कर दी गई है। फिलहाल देश में आपातकाल जैसे हालात हैं और चारों ओर अराजकता का माहौल बना हुआ है। थल सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल की अपील का भी प्रदर्शनकारियों पर कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। तीन जेलों पर धावा बोलकर प्रदर्शनकारियों ने हजारों कैदियों को छुड़ा लिया है। इस बीच खबर है कि नेपाल के सबसे बड़े मीडिया हाउस कांतिपुर पब्लिकेशन्स की बिल्डिंग में भी प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी है। 8 सितंबर से शुरू हुए प्रदर्शन में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से अधिक घायल हैं।

Nepal

सेना की प्रदर्शनकारियों को चेतावनी

प्रदर्शनकारियों के एक बेकाबू जत्थे ने मंगलवार की देर रात प्रसिद्ध पशुपति नाथ मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की। इससे स्थिति और खराब हो गई है। मंदिर में सेना की तैनाती कर दी गई है। इसके अलावा मीडिया हाउस कांतिपुर पब्लिकेशन्स की बिल्डिंग में भी प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दीनेपाल सेना ने प्रदर्शनकारियों को तोड़फोड़, लूटपाट या आगजनी के ख़िलाफ़ चेतावनी देते हुए कहा था कि कुछ समूह अशांति का फ़ायदा उठा रहे हैं। सेना ने ज़ोर देकर कहा कि अगर ऐसी गतिविधियां जारी रहीं, तो सेना समेत सभी सुरक्षा बल व्यवस्था बहाल करने के लिए "निर्णायक कदम" उठाएँगे।

Arson in Nepal
Photograph: (साभारः काठमांडु पोस्ट)

बातचीत के लिए आगे आएं प्रदर्शनकारी

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थल सेनाध्यक्ष जनरल अशोक राज सिगडेल ने शांति की अपील करते हुए प्रदर्शनकारियों से अपना आंदोलन स्थगित कर बातचीत शुरू करने का आह्वान किया। सिगडेल ने एक बयान में कहा, "असहज स्थिति को कम करना, राष्ट्रीय धरोहर, सार्वजनिक और निजी संपत्ति, आम नागरिकों, राजनयिक मिशनों की रक्षा करना और सुरक्षा की भावना सुनिश्चित करना हमारा साझा कर्तव्य है।"

Nepal से ब्राजील तक : जब देश की संसद में घुसे प्रदर्शनकारी | यंग भारत न्यूज
Nepal से ब्राजील तक : जब देश की संसद में घुसे प्रदर्शनकारी | यंग भारत न्यूज Photograph: (IANS)

रुक नहीं रहा प्रदर्शनों का सिलसिला

उल्लेखनीय है कि नेपाल में मंगलवार को सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने के बावजूद विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गए, जिसके कारण प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफ़ा देना पड़ा। जेनरेशन ज़ेड के प्रदर्शनकारियों ने सरकार की तीनों शाखाओं - संसद, सिंह दरबार (कार्यकारी पीठ) और सर्वोच्च न्यायालय को आग लगा दी। 8 सितंबर को शुरू हुए इस उपद्रव में कम से कम 22 लोग मारे गए और 300 से ज़्यादा घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने देश भर की जेलों में भी धावा बोला और कथित तौर पर लगभग 900 कैदियों को रिहा कर दिया।

मोदी ने नेपाल के घटनाक्रम पर चर्चा की

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उधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को नेपाल के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की। नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण के.पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई है। हिंसा में कम से कम 19 लोगों की मौत हुई है। बैठक में मोदी ने इस बात जोर दिया कि नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि नेपाल में हुई हिंसा हृदय विदारक है। 

नेपाल के नागरिकों से शांति की अपील 

उन्होंने नेपाल के नागरिकों से शांति की अपील की। उन्होंने बाढ़ प्रभावित हिमाचल प्रदेश और पंजाब के दौरे से लौटने के बाद सीसीएस की बैठक बुलाई। मोदी ने कहा, “नेपाल में हिंसा हृदय विदारक है। मुझे इस बात का दुख है कि कई युवाओं ने अपनी जान गंवाई है। नेपाल की स्थिरता, शांति व समृद्धि हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं नेपाल में अपने सभी भाइयों और बहनों से विनम्रतापूर्वक शांति कायम करने की अपील करता हूं।” प्रधानमंत्री के अलावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर सीसीएस में शामिल हैं। 



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