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नेपाल में प्रदर्शन के दौरान छत से कूदा प्रदर्शनकारी।
काठमांडू, वाईबीएन डेस्क। आखिरकार नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रदर्शनकारियों के समक्ष घुटने टेक दिए और सोशल मीडिया पर लगाया गया प्रतिबंध वापस लेने के ऐलान किया। यह कदम उस हिंसक संघर्ष के बाद आया जिसमें कम से कम 20 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई और 300 लोग घायल हुए। सरकार ने सोशल मीडिया बंद करने के अपने फैसले के कारण हुई प्रतिक्रिया के लिए बयान जारी किया। जबकि इससे पहले ओली ने बयान दिया था कि चाहे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़े, वे बैन वापस नहीं लेंगे।
#WATCH | Nepal: People in Kathmandu stage a massive protest against the government over alleged corruption and the recent ban on social media platforms, including Facebook, Instagram, WhatsApp and others.
— ANI (@ANI) September 8, 2025
At least 18 people have died and more than 250 people have been injured… pic.twitter.com/zz0mLm5VQ6
प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि इस घटना का कारण सरकार के प्रयास और जेड जेनरेशन के बीच बढ़ता असमंजस थी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और बातचीत के जरिए समाधान खोजने की अपील की. प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच तनाव कम करने के लिए सुरक्षा बलों को सतर्क रहने का आदेश भी दिया गया। इससे पहले नेपाल में आग और भड़क उठी थी।
पीएम आवास पर पथराव किया
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, दमक में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के घर पर पत्थरबाजी की। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने ईस्ट-वेस्ट हाइवे को टायर जलाकर रोक दिया। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस को चेतावनी के तौर पर हवाई फायरिंग करनी पड़ी। घटनास्थल पर सेना की तैनाती है। सुरक्षाबलों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। इस बीच नेपाल के गृहमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि हिंसा में मारे गए लोगों की जिम्मेदारी लेते हुए वे पद छोड़ना चाहते हैं।
Gen Z protesters in Nepal took to the streets on Monday against corruption and a ban on 26 social media platforms. At least 14 people were killed. pic.twitter.com/Gsvx63bXph
— Al Jazeera English (@AJEnglish) September 8, 2025
कैबिनेट मीटिंग में कहा था, बैन नहीं हटेगा
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट मीटिंग में साफ कहा कि सोशल मीडिया पर लगाया गया बैन नहीं हटेगा. भले इसके लिए कुर्सी क्यों न छोड़नी पड़े। उनका कहना है कि देश की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है। इससे पहले राजधानी काठमांडू के न्यू बानेश्वर में मौजूद संसद भवन परिसर में उस समय तनाव फैल गया जब सोशल मीडिया बैन होने के विरोध में प्रदर्शन कर रही भीड़ उग्र हो गई और उन्होंने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए। प्रदर्शनकारी गेट पार कर संसद के भीतर प्रवेश की कोशिश कर रहे थे। ये प्रदर्शनकारी नई जेनरेशन के वो युवा हैं, जो देश में सोशल मीडिया पर बैन लगने के बाद काफी नाराज हैं। हालात को देखते हुए पीएम केपी ओली ने आपात बैठक बुलाई है।
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नेपाल में हो रहे इन प्रदर्शनों के पीछे वजह मुख्य रूप से सोशल मीडिया पर लगाया गया प्रतिबंध है। नेपाल की सड़कों पर हजारों की संख्या में युवाओं की भीड़ देखी जा रही है। ये लोग भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर लगे बैन को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। आपको बता दें कि नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, यूट्यूब और स्नैपचैट पर पाबंदी लगा दी गई है, जिससे युवा काफी नाराज हैं।
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आन्दोलनरत 'जेन जी' पुस्तासँग वार्ता गर्न सरकारलाई संसदीय समितिकाे निर्देशन https://t.co/mAkYJYMKdn
— Ujyaalo (@Ujyaalo) September 8, 2025
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