नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में एक साक्षात्कार में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को खुलेआम हत्या की धमकी दी थी। उनका कहना था कि उनकी हत्या से दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव का अंत हो जाएगा। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने भी कहा कि खामेनेई का हश्र पूर्व इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन जैसा होना है। उधर अमेरिका भी ईरान को बख्शने के मूड़ में नहीं है। जी7 शिखर सम्मेलन से निकलने के कुछ घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सटीक स्थान को जानता है और उन्हें हटा सकता है, लेकिन वो ऐसा न करने का विकल्प चुन रहा है। कम से कम अभी के लिए तो नहीं।
खामेनेई ने कसम खाई कि किसी को नहीं बख्शने जा रहे
हालांकि इजरायल की धमकियों पर पलटवार करते हुए अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को कसम खाई कि उनका देश अपने दुश्मन राष्ट्र के शासकों पर कोई दया नहीं दिखाएगा। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि हमें आतंकवादी जायोनी शासन को एक मजबूत जवाब देना चाहिए। हम जायोनीवादियों पर कोई दया नहीं दिखाएंगे। Iran Israel Conflict | iran israel
सवाल यह है कि खामेनेई का उत्तराधिकारी कौन होगा?
1. मोजतबा खामेनेई
मोजतबा खामेनेई अयातुल्ला अली खामेनेई के दूसरे बेटे हैं। 1969 में जन्मे मोजतबा इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और ईरान के मौलवी प्रतिष्ठान से जुड़े हुए हैं। मोजतबा देश के प्रशासन में मजबूत प्रभाव वाले एक मौलवी हैं।
2. अलीरेजा अराफी
अलीरेजा अराफी खामेनेई के बेहद भरोसेमंद सहयोगी हैं। अराफी असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स के डिप्टी चेयरमैन, गार्जियन काउंसिल के सदस्य और कोम में शुक्रवार की नमाज के नेता समेत कई अहम पदों पर हैं। वो ईरान की सत्ता को बखूबी समझते हैं।
3. अली असगर हेजाज़ी
अली असगर हेजाजी खामेनेई के दफ़्तर में राजनीतिक सुरक्षा मामलों की देखभाल करते हैं। वो ईरान की खुफिया जानकारी की देखरेख करते रहे हैं और रक्षा और रणनीति के मामले में निर्णय लेने में एक अहम भूमिका निभाते हैं।
4. मोहम्मद गोलपायेगानी
मोहम्मद गोलपायेगानी लंबे समय से खामेनेई के दफ़्तर में चीफ ऑफ स्टाफ के तौर पर काम कर रहे हैं। वो उनके सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं। उन्हें ईरानी प्रशासनिक व्यवस्था के काम करने के तरीके के बारे में व्यापक जानकारी है।
5. विशेषज्ञों की सभा
ईरानी संविधान विशेषज्ञों की सभा को उत्तराधिकार की शक्ति देता है। ये वरिष्ठ मौलवियों का 88 सदस्यीय निकाय है जो हर आठ साल में चुना जाता है।
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