नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई ने इज़राइली हमलों के जवाब में सख्त पलटवार का वादा किया है। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ, बल्कि अब शुरुआत है। ईरानी मिसाइल हमलों के साथ-साथ खमेनेई का सख्त बयान पश्चिम एशिया में एक बड़े टकराव की आहट है।
पश्चिम एशिया में तनाव अब निर्णायक मोड़ पर है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई ने इज़राइल को खुली चेतावनी देते हुए कहा है कि "हमला सिर्फ एकतरफा नहीं रहेगा।" जैसे ही खमेनेई का रिकॉर्डेड संदेश सामने आया, उसी समय ईरान ने इज़राइल की ओर मिसाइलें दाग दीं। इससे साफ हो गया कि अब यह विवाद कूटनीति से आगे बढ़कर खुला युद्ध बन सकता है।
"ये शुरुआत है, अंत नहीं" – खमेनेई का सीधा संदेश
अपने संबोधन में अली ख़ामेनेई ने साफ कहा
“यह मत समझो कि हमला हुआ और बात खत्म। नहीं, यह संघर्ष की शुरुआत है। हम उन्हें इतनी आसानी से इस अपराध से बचने नहीं देंगे।”
उनकी यह बात साफ इशारा करती है कि आने वाले दिनों में ईरान और इज़राइल के बीच स्थिति और विस्फोटक हो सकती है।
इज़राइल पर मिसाइल हमला-ईरान की सैन्य कार्रवाई का आगाज़
ईरान की ओर से दागे गए मिसाइलों की संख्या भले ही आधिकारिक तौर पर नहीं बताई गई हो, लेकिन इज़राइली मीडिया ने पुष्टि की है कि देश के कई हिस्सों में धमाकों की आवाज़ें सुनी गईं। अली ख़ामेनेई के इस बयान के साथ यह हमले महज़ सैन्य नहीं, बल्कि रणनीतिक और वैचारिक संदेश भी हैं।
मिलिट्री तैयार, जवाब तय-ईरानी सेना का रुख सख्त
अली ख़ामेनेई ने ईरानी सेना को तैयार रहने का निर्देश दे दिया है। उनका कहना है कि यह सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि इज़राइल को उसकी "गंभीर भूल" का अहसास कराने का वक्त है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहले से ही गाजा में संघर्ष चरम पर है, और अमेरिका सहित कई अंतरराष्ट्रीय ताकतें इस टकराव को रोकने की कोशिश कर रही हैं।
क्यों यह टकराव पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है?
- ईरान और इज़राइल के बीच सीधी जंग मध्य-पूर्व को ज्वालामुखी बना सकती है।
- तेल की कीमतों में उछाल और वैश्विक बाजारों पर इसका असर संभव है।
- अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की असफलता का यह उदाहरण बन सकता है।
- अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की भागीदारी इस संघर्ष को और जटिल बना सकती है।
- सोशल मीडिया पर हड़कंप - लोगों ने खमेनेई को बताया ‘फ़ायरब्रांड’
ट्विटर (अब X) और इंस्टाग्राम पर अली ख़ामेनेई के भाषण के क्लिप्स वायरल हो रहे हैं। यूज़र्स कह रहे हैं कि यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि "युद्ध की दहलीज़" पर खड़ा एलान है।
क्या युद्ध होगा या सुलह?
अब सवाल ये है- क्या इज़राइल इस पर संयम बरतेगा या फिर दोनों देशों के बीच खुला युद्ध शुरू हो जाएगा? फिलहाल, दोनों पक्ष आक्रामक मोड में हैं और किसी भी समय हालात हाथ से निकल सकते हैं।
क्या आप मानते हैं कि अब पश्चिम एशिया में युद्ध अपरिहार्य है? अपनी राय कमेंट में ज़रूर दें।
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