Advertisment

"यमन में मौत की दहलीज़ पर खड़ी है निमिषा प्रिया – क्या इस्लामी कानून उसे जीवनदान देगा?"

निमिषा प्रिया, केरल की एक महिला, यमन में मौत की सज़ा का सामना कर रही है, जिसकी फांसी 16 जुलाई को होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार से इस मामले पर जवाब मांगा है, जिससे राजनयिक हस्तक्षेप और 'ब्लड मनी' के जरिए निमिषा को बचाने की उम्मीद जगी है।

author-image
Ajit Kumar Pandey

"यमन में मौत की दहलीज़ पर खड़ी है निमिषा प्रिया – क्या इस्लामी कानून उसे जीवनदान देगा?" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।एक केरल की बेटी, निमिषा प्रिया, यमन में मौत की सज़ा का सामना कर रही है। 16 जुलाई को होने वाली फांसी की तारीख करीब है, और भारत में उसके परिवार की उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। क्या भारतीय सरकार राजनयिक हस्तक्षेप और 'ब्लड मनी' के जरिए इस बेटी को बचा पाएगी?

Advertisment

केरल की 37 वर्षीय निमिषा प्रिया की कहानी किसी दिल दहला देने वाले उपन्यास से कम नहीं है। यमन की एक जेल में मौत की सज़ा का इंतजार कर रही निमिषा की किस्मत का फैसला अगले कुछ ही दिनों में होना है। 16 जुलाई, 2025 – यह वो तारीख है जो निमिषा के परिवार के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं। वह तारीख जब उसे कथित हत्या के मामले में फांसी दी जानी है।

इस खबर ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया है। एक माँ, एक बेटी, जो विदेशी धरती पर मौत के मुँह में खड़ी है। क्या कोई उम्मीद की किरण है?

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप: आखिरी उम्मीद की किरण?

Advertisment

आज, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक अहम कदम उठाया है। निमिषा प्रिया के वकील ने छुट्टियों की बेंच के समक्ष तत्काल सुनवाई की अपील की, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया (AGI) को नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। यह कदम निमिषा के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है, क्योंकि अब सरकार को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।

वकील ने कोर्ट को बताया कि भारत सरकार राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत कर निमिषा का बचाव कर सकती है। यह भी बताया गया कि यमन के शरिया कानून में 'ब्लड मनी' (खून का पैसा) का विकल्प मौजूद है, जिसके तहत निमिषा की सज़ा को माफ किया जा सकता है या कम किया जा सकता है।

Advertisment

क्या है 'ब्लड मनी' और यह कैसे बचा सकता है निमिषा को?

'ब्लड मनी' शरिया कानून का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो कई इस्लामिक देशों में प्रचलित है। इसके तहत, यदि किसी अपराध में पीड़ित के परिवार को मौद्रिक मुआवजा दिया जाता है, तो अपराधी की सज़ा को कम किया जा सकता है या पूरी तरह माफ किया जा सकता है। यह एक ऐसी उम्मीद है जिस पर निमिषा का परिवार और उसके समर्थक भरोसा कर रहे हैं।

निमिषा प्रिया का मामला: क्यों फंसी एक नर्स यमन में?

Advertisment

निमिषा प्रिया एक नर्स थी जो कुछ साल पहले बेहतर भविष्य की तलाश में यमन गई थी। यह स्पष्ट नहीं है कि किन परिस्थितियों में वह हत्या के इस जघन्य आरोप में फंसी। हालांकि, उसके परिवार का दावा है कि उसे फंसाया गया है और वह निर्दोष है। इस मामले की विस्तृत जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन यह निश्चित है कि निमिषा इस वक्त अपने जीवन के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है।

परिवार की गुहार: "हमारी बेटी को बचा लो!"

केरल में निमिषा का परिवार गहरे सदमे और दुख में है। उसकी बूढ़ी माँ और बच्चे हर पल उसकी सलामती की दुआ कर रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार से अपनी बेटी को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करने की अपील की है। सोशल मीडिया पर भी निमिषा प्रिया को बचाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें लोग एकजुट होकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं।

यह सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं है, बल्कि एक मानवीय त्रासदी है। एक युवा महिला, जो अपने परिवार का पेट पालने के लिए दूसरे देश गई थी, आज मौत की कगार पर खड़ी है।

सोमवार को फिर होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की है। यह दिन निमिषा प्रिया के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। उम्मीद है कि सरकार इस मामले में एक सकारात्मक और त्वरित प्रतिक्रिया देगी। राजनयिक बातचीत और 'ब्लड मनी' के विकल्प पर गहन विचार-विमर्श की आवश्यकता है।

पूरा देश निमिषा की वापसी की उम्मीद कर रहा है। क्या हमारी सरकार अपनी इस बेटी को यमन की जेल से सुरक्षित वापस ला पाएगी? यह सवाल अब सबकी जुबान पर है।

supreme court INDIAN kerala
Advertisment
Advertisment