/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/16/kim-jong-un-2025-09-16-14-35-47.jpg)
North Korea : अब 'Ice-Cream' बोलने पर होगी जेल! किम जोंग उन का नया फरमान | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।उत्तरी कोरिया के नेता किम जोंग उन ने देश से विदेशी शब्दों को खत्म करने का अभियान छेड़ रखा है। इस मुहिम के तहत 'आइसक्रीम' शब्द पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब इसके लिए 'ईसेकिमो' या 'इओरेउमबोसेउंगी' जैसे शब्द इस्तेमाल करने होंगे। यह कदम देश में विदेशी संस्कृति के प्रभाव को रोकने के लिए उठाया गया है, लेकिन इससे स्थानीय लोग और खासकर टूर गाइड काफी परेशान हैं।
लाइव मिंट के अनुसार, उत्तरी कोरिया के नेता किम जोंग उन ने देश के भीतर विदेशी संस्कृति के प्रभाव को पूरी तरह खत्म करने का फैसला किया है, और इसकी शुरुआत भाषा से हुई है। 'डेली एनके' की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि अब नॉर्थ कोरिया में 'आइसक्रीम' शब्द बोलना मना है। इसके बजाय, लोगों को 'ईसेकिमो' या 'इओरेउमबोसेउंगी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने का आदेश दिया गया है।
यह फैसला देश में चल रहे एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पश्चिमी और दक्षिण कोरियाई शब्दों को पूरी तरह से मिटाना है। इस नए नियम से सबसे ज्यादा परेशानी टूर गाइड को हो रही है। उन्हें विदेशियों से बात करते समय भी इन नए शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए कहा जा रहा है, जिससे वे खुद हैरान हैं।
"बर्गर" भी 'डबल ब्रेड विद ग्राउंड बीफ' बन गया
यह भाषाई बदलाव सिर्फ आइसक्रीम तक सीमित नहीं है। विश्व भर में लोकप्रिय 'हर्बर्गर' को अब 'डाजिन-गोगी ग्येप्पंग' (डाजिन-गोगी ग्येप्पंग) कहा जाएगा, जिसका सीधा मतलब है "ग्राउंड बीफ के साथ डबल ब्रेड"। यहां तक कि कराओके मशीन को भी 'ऑन-स्क्रीन अकंपनीमेंट मशीन' का नया नाम दिया गया है।
उत्तर कोरिया का यह कदम भाषा को नियंत्रित करके अपनी संस्कृति और समाज को बाहरी प्रभावों से बचाने की एक कोशिश है।
सरकार का मानना है कि इस तरह से वे स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा पर भी नियंत्रण रख पाएंगे। यह आदेश खासकर वॉनसन जैसे पर्यटन स्थलों के लिए है, जहां सरकार विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए रिजॉर्ट बना रही है।
किम जोंग उन का भाषा पर नया दांव
किम जोंग उन की सरकार इस भाषाई शुद्धिकरण अभियान को बहुत गंभीरता से ले रही है। वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया कॉडर विभाग सीधे तौर पर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की देखरेख कर रहा है। वॉनसन में लगभग 20 से 30 लोगों को तीन महीने का गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस ट्रेनिंग में उन्हें विदेशी पर्यटकों को संभालने से लेकर ड्रेस कोड, पेशेवर व्यवहार और अनुमोदित नारों को याद करने तक की शिक्षा दी जा रही है।
किम जोंग उन के लिए यह सिर्फ भाषा का मसला नहीं है बल्कि यह एक राजनीतिक दांव है। वे जानते हैं कि भाषा लोगों की सोच और संस्कृति को आकार देती है। बाहरी शब्दों पर प्रतिबंध लगाकर वे अपने नागरिकों को दुनिया से अलग-थलग रखना चाहते हैं।
किम जोंग उन भाषा को क्यों बना रहे हैं निशाना
कांगवोन प्रांत के एक अधिकारी, जहां वॉनसन नामक समुद्र तटीय शहर को एक लक्ज़री रिसॉर्ट केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, ने डेली एनके को इस कार्रवाई के पीछे के तर्क को समझाया। "इसका उद्देश्य पर्यटन पेशेवरों को उत्तर कोरियाई शब्दावली और अभिव्यक्तियों का सचेत रूप से उपयोग करना सिखाना है, साथ ही दक्षिण कोरियाई शैली के भावों और विदेशी उधार शब्दों से बचना है, जिनका वे अनजाने में उपयोग कर रहे होंगे।"
21 अगस्त से शुरू हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की देखरेख वर्कर्स पार्टी ऑफ़ कोरिया के कैडर विभाग द्वारा सीधे तौर पर की जा रही है। वॉनसन, जिसे शासन अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन का केंद्र बनाना चाहता है, कथित तौर पर इस पहल में संसाधन लगा रहा है और 20 से 30 लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है। जिनमें प्रांतीय विदेशी भाषा विश्वविद्यालयों के स्नातक और राज्य पर्यटन मार्गदर्शन ब्यूरो के नए सदस्य शामिल हैं।
तीन महीने के इस पाठ्यक्रम में विदेशी पर्यटकों से निपटने से लेकर ड्रेस कोड, पेशेवर आचरण और स्वीकृत नारों और वाक्यांशों को याद करने तक सब कुछ शामिल है।
North Korea Language Ban | Kim Jong Un Cultural Policy | Ice Cream Word Ban | Eseukimo Dajin Goggyeppang