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Iran–Israel ceasefire के ऐलान के बाद गिरे कच्चे तेल के दाम, वैश्विक शेयर बाजारों में रौनक

ईरान-इजरायल सीजफायर की खबर से दुनियाभर के शेयर बाजारों में उछाल आया, जबकि कच्चे तेल के दाम चार प्रतिशत तक गिर गए। अमेरिकी डॉलर भी हुआ कमजोर।

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Dhiraj Dhillon
Oil imports

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी देखी गई, वहीं कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट आई। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर कहा कि युद्धविराम अगले 12 घंटे में लागू होगा और इसके साथ ही यह युद्ध आधिकारिक रूप से समाप्त माना जाएगा।

कच्चे तेल के दाम में चार प्रतिशत गिरावट

मंगलवार को अमेरिकी क्रूड ऑयल की कीमतें चार प्रतिशत तक गिरकर 65.75 डॉलर प्रति बैरल पर आ गईं। इससे पहले सोमवार को भी तेल की कीमतों में नौ प्रतिशत तक की गिरावट आई थी, जब ईरान ने अमेरिका पर सांकेतिक हमला किया था। इस हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ, और ईरान ने संकेत दिए हैं कि वह अब और हमले नहीं करेगा। हॉर्मुज जलडमरूमध्य में तनाव कम होने की खबर से तेल बाजारों को राहत मिली। जापान के निक्केई इंडेक्स में उछाल के साथ 38,905 का स्तर छुआ, जो पिछले बंद 38,354 से काफी ऊपर है।

 

Crude Oil imports
Photograph: (Google)

 

बॉन्ड और डॉलर में गिरावट

शांति की उम्मीदों से अमेरिकी 10-वर्षीय ट्रेजरी बॉन्ड के भाव में गिरावट आई। ब्याज दरों में संभावित कटौती को लेकर निवेशक सतर्क नजर आए, क्योंकि फेडरल रिजर्व की अगली बैठक जुलाई के अंत में होने वाली है, जहां ब्याज दर कटौती की संभावना फिलहाल सिर्फ 22% मानी जा रही है।

डॉलर कमजोर, येन और यूरो मजबूत

अमेरिकी डॉलर जापानी येन के मुकाबले 0.1% गिरकर 145.92 येन पर आ गया। यूरो में 0.1% की बढ़त के साथ यह 1.1589 डॉलर पर पहुंच गया।तेल की कीमतों में गिरावट से जापान और यूरोपीय देशों को फायदा हुआ, जो तेल आयात पर अधिक निर्भर हैं। सोने की कीमतें भी 0.4% गिरकर 3,353 डॉलर प्रति औंस पर आ गईं, क्योंकि निवेशकों ने सुरक्षित संपत्तियों की तरफ झुकाव कम किया।
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DONALD TRUMP DOLLOR

क्या यह स्थायी शांति की शुरुआत है?

फ्लोरिडा स्थित निवेश सलाहकार जैक एब्लिन के अनुसार, "इस युद्धविराम से भू-राजनीतिक अनिश्चितता में थोड़ी कमी आई है। यह बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, बशर्ते यह सहमति वास्तविक और टिकाऊ हो।" हालांकि अभी तक इजरायल और ईरान दोनों की ओर से मिसाइल हमले पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं, जिससे कुछ निवेशक अभी भी जोखिम लेने से बच रहे हैं।
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