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क्या पाकिस्तान में तख्तापलट की बिसात बिछ गई है? जानें, शरीफ बंधुओं का खेल?

पाकिस्तान में बड़ा खेल इमरान खान गायब, सरकार चुप आसिम मुनीर CDF पद के लिए तरस रहे हैं। क्या शहबाज सरकार ने इमरान को निपटाने के लिए षड्यंत्र बुना है? क्या पाकिस्तान में तख्तापलट की तैयारी चल रही है?

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Ajit Kumar Pandey
PAKISTAN LATEST NEWS

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । पाकिस्तान में सत्ता की जंग चरम पर है। पूर्व पीएम इमरान खान की रहस्यमय तरीके से सरकार द्वारा उनकी 'खबर' न देना बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहा है। वहीं, आसिम मुनीर को सेना प्रमुख CDF बनाने को लेकर हो रही देरी ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। क्या नवाज शरीफ और शहबाज सरकार ने मिलकर मुनीर को मोहरा बनाया है?

पाकिस्तानी पत्रकार आस्मा शिराज़ी की मानें तो यह सब 'यूं ही' नहीं हो रहा है, पाकिस्तान में कुछ बड़ा खेला होने वाला है। इमरान खान कहां हैं? तख्तापलट की 'आहट' से क्यों हिल रहा है पाकिस्तान? आइए जानते हैं पूरी कहानी।

पाकिस्तान की राजनीति एक अंधे मोड़ पर खड़ी है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डाले जाने के बाद से उनकी स्वास्थ्य या वर्तमान स्थिति को लेकर सरकार की चुप्पी ने पूरे देश में एक अजीब बेचैनी पैदा कर दी है।

समर्थक सड़कों पर हैं, लेकिन कैदी नंबर 804 इमरान खान के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है। वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार आस्मा शिराज़ी ने इस पूरे घटनाक्रम की टाइमिंग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार, नवाज शरीफ का अचानक सक्रिय होना, सेना प्रमुख CDF के नोटिफिकेशन का लंबित रहना, और वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ का महत्वपूर्ण मुद्दों को छोड़कर बहरीन से लंदन जाना- ये सभी घटनाएं बताती हैं कि 'दाल में कुछ काला है'। 

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क्या शहबाज शरीफ सिर्फ मेडिकल टेस्ट के लिए गए थे? 

आस्मा शिराज़ी का तर्क है कि वजीर-ए-आजम का मेडिकल टेस्ट एक या दो दिन में भी हो सकता था। इतने अहम राष्ट्रीय मसलों के बीच उनका लंदन में लंबा प्रवास करना, और फिर सीधे इस्लामाबाद न लौटकर लाहौर जाना, किसी गहरी रणनीति की ओर इशारा करता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ये यात्राएं परदे के पीछे डील फाइनल करने के लिए थीं। 

आसिम मुनीर के लिए 'आगे कुआं - पीछे खाई' की स्थिति क्यों है? 

सेना प्रमुख आसिम मुनीर को लेकर जो अनिश्चितता बनी हुई है, वह पाकिस्तान के सैन्य इतिहास में दुर्लभ है। उन्हें नया चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज CDF बनाने का फैसला तो लिया गया, लेकिन 27 नवंबर को जारी होने वाला नोटिफिकेशन अब तक नहीं आया है। कानून मंत्री आजम नजीर तरार से जब इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने जिम्मेदारी प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पर डाल दी, जिससे यह साफ़ हो गया कि मुनीर का मामला फंस गया है। 

मुनीर की साख पर सवाल: नवाज शरीफ का दिमाग 

सूत्रों का कहना है कि इस पूरे 'खेल' के पीछे नवाज शरीफ का दिमाग है। पत्रकारिता जगत में यह बात खुल कर सामने आ रही है कि आसिम मुनीर की इज़्ज़त और रुतबे पर न सिर्फ पाकिस्तान के अंदर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल उठे हैं। "आसिम मुनीर के साथ वही हो गया जो वो सियासतदानों के साथ कर रहे थे यानि जिन लोगों को लाकर बिठाया उन लोगों ने ही उन्हें लटका दिया।"

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कहा जा रहा है कि नवाज शरीफ ने मुनीर के सामने शर्त रख दी है "इमरान खान को रास्ते से हटाओ और मुझे नवाज को प्रधानमंत्री बनाओ, तभी CDF का नोटिफिकेशन जारी होगा।" यह मुनीर के लिए एक बड़ा धर्मसंकट है। आगे चलें तो कुआं पीछे जाएं तो खाई। उधर, इमरान खान को रास्ते से हटाना सेना के लिए बड़ा जोखिम भरा है। नोटिफिकेशन न आना आसिम मुनीर की साख और पद को दोनों को नुकसान है। 

'कैदी नंबर 804 को कुछ नहीं होगा', फिर भी क्यों है हंगामा? 

एक तरफ जहां सेना प्रमुख का पद फंसा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ इमरान खान कैदी नंबर 804 को लेकर संसद में बवाल मचा है। कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने सदन में गारंटी दी है कि इमरान खान को "कुछ नहीं होगा।" मगर, इस गारंटी के बावजूद इमरान के समर्थक अपनी जान जोखिम में डालकर भी प्रदर्शन स्थलों पर जमा हो रहे हैं। उनके निशाने पर सीधे तौर पर आसिम मुनीर हैं, जिन्हें वे सरकार का मोहरा और इस अनिश्चितता का मुख्य कारण मान रहे हैं। 

CDF के फैसले से बाकी सेनाएं नाराज़ क्यों? 

पूर्व मंत्री मिर्ज़ा शहज़ाद ने खुलासा किया है कि CDF बनाने का फैसला इतनी आपाधापी में लिया गया कि अब बाकी की दो प्रमुख सेनाएं वायुसेना और नौसेना भी इससे नाराज़ हैं। यही वजह है कि मुनीर के लिए गुड न्यूज़ यानी नोटिफिकेशन का कोई अता-पता नहीं है। ऐसा लगता है कि शहबाज सरकार इमरान खान को राजनीति से पूरी तरह 'निपटाने' की जल्दी में थी, और इसके लिए आसिम मुनीर को एक सुनहरे पद का लालच देकर मोहरा बनाया गया। उन्हें दूर से CDF का पद दिखा दे गया, लेकिन अब नोटिफिकेशन जारी करने के लिए तरसाया जा रहा है। पाकिस्तान की सत्ता का भविष्य क्या होगा? 

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पाकिस्तान इस समय एक राजनीतिक और सैन्य गतिरोध के बीच फंसा हुआ है। इमरान खान की रहस्यमय स्थिति और आसिम मुनीर के CDF नोटिफिकेशन पर संदेह ने देश को अस्थिरता के कगार पर ला खड़ा किया है। अगर नवाज शरीफ अपनी शर्तों पर कायम रहते हैं और मुनीर उनकी मांग पूरी नहीं करते, तो सेना और नवाज शरीफ-शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार के बीच बड़ा टकराव होना तय है। यह स्थिति अंततः देश में तख्तापलट जैसी अप्रत्याशित घटना को जन्म दे सकती है। 

पाकिस्तानी जनता की नजरें अब इस्लामाबाद पर टिकी हैं- क्या मुनीर अपनी इज़्ज़त बचाएंगे, या नवाज शरीफ की शर्तों के आगे झुककर इमरान खान को रास्ते से हटाएंगे?

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