नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। संघर्षविराम समझौते के कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश को संबोधित करते हुए भारत पर झूठे और भड़काऊ आरोप लगाए। उन्होंने भारत को “हमले की गलती” के लिए परिणाम भुगतने की चेतावनी दी और कहा कि पाकिस्तान की संप्रभुता को चुनौती दी गई है।
अमेरिका, तुर्किये और चीन को बताया सहयोगी
अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, तुर्किये और चीन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन देशों के समर्थन से पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से अपनी बात रखी है। हालांकि, पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से इनकार किया।
भारत पर लगाया युद्ध छेड़ने का आरोप
शरीफ ने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले को बहाना बनाकर पाकिस्तान पर हमला किया और आम नागरिकों, मस्जिदों व सार्वजनिक स्थानों को ड्रोन और मिसाइल से निशाना बनाया। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने स्वतंत्र जांच की पेशकश की थी लेकिन भारत ने उसे खारिज कर दिया।
‘यह सम्मान और सिद्धांतों की लड़ाई थी’
शहबाज शरीफ ने अपने देश को आश्वस्त किया कि यह सिर्फ़ सशस्त्र बलों की नहीं, पूरे पाकिस्तान की जीत है। उन्होंने इसे कट्टरता और आक्रामकता के खिलाफ एक वैचारिक विजय बताया।
आतंकवाद पर फिर दोहराया पुराना बयान
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ 90,000 से ज्यादा नागरिकों को खोया और 152 अरब डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान झेला है। लेकिन भारत आतंकवाद पर एकतरफा कदम उठाता है, जो क्षेत्रीय शांति के लिए ठीक नहीं।
अमेरिका के सामने झुकाव साफ नजर आया
शरीफ का भाषण अमेरिका के समर्थन को बार-बार उजागर करता रहा। उन्होंने ट्रंप की मध्यस्थता की सराहना की और कहा कि पाकिस्तान अमेरिका की शांति-स्थापना के प्रयासों की प्रशंसा करता है।
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