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भ्रष्टाचार का कलंक:  पाकिस्तान में सोने के खनन के दौरान खरबों का घोटाला, एनएबी का बड़ा खुलासा

एनएबी ने सिंधु और काबुल नदियों के किनारे प्रांत में गोल्ड ब्लॉकों की नीलामी के लिए निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर गहरी चिंता जताई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक एनएबी ने कहा है कि इन अनियमितताओं के कारण प्रांत को खरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है।

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Mukesh Pandit
Pakistan gold mining scam

खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में सोने की खाने।

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इस्लामाबाद, आईएएनएस।पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक निकाय राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में सोने के खनन के दौरान हुई गंभीर अनियमितताओं का खुलासा किया है। एनएबी ने सिंधु और काबुल नदियों के किनारे प्रांत में गोल्ड ब्लॉकों की नीलामी के लिए निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर गहरी चिंता जताई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक एनएबी ने कहा है कि इन अनियमितताओं के कारण प्रांत को खरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है।

पट्टाधारक खुलेआम उप-पट्टे दे रहे

राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने प्रांतीय सरकार के आधिकारिक दस्तावेज पर प्रकाश डालते हुए खुलासा किया कि पट्टाधारक खुलेआम उप-पट्टे दे रहे हैं और प्रति उत्खननकर्ता प्रति सप्ताह 5,00,000 से 7,00,000 पाकिस्तानी रुपए वसूल रहे हैं। एनएबी का कहना है कि इससे उनकी साप्ताहिक कमाई 75 करोड़ रुपए से एक अरब रुपए के बीच होने का अनुमान है, जबकि प्रांतीय सरकार को इसका केवल एक मामूली हिस्सा मिलता है।

सोने के ब्लॉकों की नीलामी ऊंची कीमतों पर की

खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने जियो न्यूज को बताया कि उनकी सरकार ने सोने के ब्लॉकों की नीलामी ऊंची कीमतों पर की। उन्होंने दावा किया कि जहां पहले एक ब्लॉक की नीलामी कीमत 650 मिलियन (65 करोड़) रुपए थी, वहीं उनकी सरकार ने न्यूनतम कीमत बढ़ाकर 1.10 बिलियन कर दी और 10 वर्षों के लिए चार ब्लॉक लगभग 4.6 बिलियन (अरब) में बेच दिए।

गोल्ड ब्लॉकों के रिजर्व प्राइस की गलत गणना 

उन्होंने दावा किया कि पिछले 20 वर्षों में ऐसी कोई नीलामी नहीं हुई, जिससे लोगों को अवैध रूप से सोना निकालने की अनुमति मिली हो। उपलब्ध दस्तावेज से पता चलता है कि 7 अगस्त को एनएबी मुख्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। बैठक में मुख्य सचिव केपी और खनिज सचिव समेत कई शीर्ष प्रांतीय अधिकारी मौजूद रहे। एनएबी की जांच के दौरान पाया गया कि जानबूझकर गोल्ड ब्लॉकों के रिजर्व प्राइस की गलत गणना की गई।

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इसके अलावा, खनिज संसाधनों, खासकर प्लेसर गोल्ड की 2022 में शुरू जियोलॉजिकल मैपिंग इनिशिएटिव (भूवैज्ञानिक मानचित्रण पहल) को नवंबर 2023 में रोक दिया गया। इससे संदेह पैदा हुआ। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि अपर्याप्त प्रचार के कारण पिछले ऑक्शन असफल रहे, जिससे अंतर्राष्ट्रीय निवेशक आकर्षित नहीं हुए।

दस्तावेज के मुताबिक, नीलामी नियमों के अनुसार, यदि कोई समझौता 14 दिनों के भीतर पूरा नहीं होता है तो प्रस्ताव वापस लेना होगा। हालांकि, महीनों की देरी के बावजूद कॉन्ट्रैक्ट और अलॉटमेंट लेटर बांट दिए गए। पेशावर हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद नवंबर 2024 में खनन गतिविधियां जारी रहीं। Pakistan gold mining scam | ex pm of pakistan | pakistan

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