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इस्लामाबाद, वाईबीएन न्यूज। पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को झुठला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम कराने में अहम भूमिका निभाई। इशाक डार ने स्पष्ट किया कि मई में हुए भारत-पाक सैन्य संघर्ष के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने खुद उन्हें बताया था कि भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से साफ इनकार कर दिया है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है।
पाकिस्तान बोला- हमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से एतराज नहीं
विदेश मंत्री डार ने एक विदेशी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान को तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “जब मैंने विदेश मंत्री रुबियो से मध्यस्थता पर चर्चा की तो उन्होंने साफ कहा कि नई दिल्ली ने इसे अस्वीकार कर दिया। भारत का कहना है कि यह एक द्विपक्षीय मसला है।”
पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार, पर "भीख नहीं मांगेगा"
डार ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा वार्ता के लिए तैयार है लेकिन वह बातचीत के लिए किसी से भीख नहीं मांगेगा। उन्होंने कहा, “हम शांति चाहते हैं और मानते हैं कि संवाद ही आगे बढ़ने का रास्ता है, लेकिन बातचीत के लिए दोनों पक्षों की सहमति जरूरी है। जब तक भारत इच्छुक नहीं होता, हम उसे मजबूर नहीं कर सकते।”
ट्रंप ने 30 से ज्यादा बार किया है दावा
10 मई को भारत-पाक संघर्ष विराम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने दोनों देशों में तनाव कम कराने में मदद की। ट्रंप का दावा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा कि संघर्ष रोकने पर अमेरिका उनके साथ व्यापार बढ़ाएगा। हालांकि भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि संघर्ष विराम केवल डीजीएमओ स्तर पर दोनों सेनाओं के बीच सीधी बातचीत के बाद ही संभव हुआ था, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से।
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