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Pakistan ISI in Bangladesh: पाकिस्तान और बांग्लादेश रच रहे हैं भारत के खिलाफ साजिश, दोनों देशों के जासूस मिलकर कर रहे हैं काम

Pakistan ISI in Bangladesh: ऐसा लग रहा है कि बांग्लादेश की यूनुस सरकार पूरी तरह से पाकिस्तान के कब्जे में है। ताजा मामले पर गौर करें तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारी मिशन नॉर्थ ईस्ट के तहत बांग्लादेश पहुंचे हैं।

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Kamal K Singh
PAK BANGLADESH

दिल्ली वाईबीएन नेटवर्क।

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ऐसा लग रहा है कि बांग्लादेश की यूनुस सरकार पूरी तरह से पाकिस्तान के कब्जे में है। ताजा मामले पर गौर करें तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारी मिशन नॉर्थ ईस्ट के तहत बांग्लादेश पहुंचे हैं। आपको बता दें कि इस टीम का नेतृत्व खुद लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक कर रहे हैं। यहाँ जानने वाली बात ये है कि लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ भी हैं। इसमें पाकिस्तान का शाहिद आमिर अधिकारी भी शामिल है। वह भी चीन का काफी करीबी बताया जाता है।

पाकिस्तान से बांग्लादेश आए अधिकारियों ने बांग्लादेश के डायरेक्टर जनरल फॉरेन इन्वेस्टिगेशन और मेजर जनरल आलम आमिर अमन से मुलाकात की। जनरल आलम आमिर खुफिया ऑपरेशन के भी प्रभारी हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने जेल में बंद उल्फा कमांडर परेश बरुआ से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्हें परेश बरुआ से जानकारी मिली कि पूर्वोत्तर में उसके अभी भी कहां-कहां गहरे संबंध हैं। जहां एक चिंगारी पूर्वोत्तर में बड़ी आग लगा सकती है।

उल्फा पर मेहरबानी

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यहां गौर करने वाली बात यह है कि बांग्लादेश में भारत की पूर्वोत्तर सीमा पर आतंकी संगठन उल्फा के प्रशिक्षण शिविर फिर से सक्रिय हो गए हैं। जहां परेश बरुआ के इशारे पर पूर्वोत्तर के कुछ लोगों समेत लोगों की भर्ती की जा रही है। उल्फा के ये शिविर बांग्लादेश में मसलोंग नदी के किनारे काशालोंग रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र के आसपास बताए जा रहे हैं। इनमें बाघैचारी उप-जिला और दिघिनल्लाह क्षेत्र शामिल हैं। इससे पहले बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने आतंकी संगठन उल्फा के सभी प्रशिक्षण शिविरों को बंद कर दिया था।

परेश बरुआ पर मेहरबान है यूनुस सरकार

परेश बरुआ वही अल्फा कमांडर है जिसे शेख हसीना के शासनकाल में गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया था। बाद में उसे मौत की सजा सुनाई गई। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद यूनुस सरकार ने उसकी मौत की सजा माफ कर दी है और उसकी सजा घटाकर सिर्फ 14 साल कर दी है। वहीं दूसरी ओर उसके आतंकी संगठन उल्फा को फिर से जिंदा किया जा रहा है। इसका एकमात्र उद्देश्य भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में फिर से चिंगारी सुलगाना है।

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पाकिस्तान खेल रहा है दोहरा खेल

इस मामले पर जानकारों की मानें तो पाकिस्तान इस मामले पर दोहरा खेल खेल रहा है। उसका मकसद नॉर्थ ईस्ट में चिंगारी को भड़काना है। इसमें पाकिस्तान का डबल फायदा है। आइए पाकिस्तान के फायदे समझते हैं। पहला फायदा तो यह है कि पाकिस्तानी एजेंसी भारत की शांति को भंग करना चाहती है, लेकिन उसके लिए दिक्कत यह है कि उसका नाम भारत में आतंक फैलाने के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। ऐसे में वह सीधे तौर पर ऐसा कुछ नहीं कर सकता। लेकिन अगर यह घटना बांग्लादेश की तरफ से होती है तो इसका दोष भारत पर मढ़ा जाएगा और पाकिस्तान ऐसी स्थिति में आ जाएगा कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।

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