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अमेरिका से नजदीकियां बढ़ा रहा पाकिस्तान, बलूचिस्तान में बंदरगाह बनाने का ऑफर

पाकिस्तान ने अमेरिका को पासनी बंदरगाह बनाने और संचालित करने का प्रस्ताव दिया। बलूचिस्तान में बने यह बंदरगाह ईरान के चाबहार बंदरगाह के नजदीक होगा।

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Dhiraj Dhillon
Donald trump Asim Munir

व्हाइट हाउस में ट्रंप से चर्चा करते पाकिस्तानी पीएम शहबाज और सेना प्रमुख असीम मुनीर (File Photo) Photograph: (एक्स)

इस्लामाबाद/ वाशिंगटन, वाईबीएन न्यूज ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। इस कड़ी में पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने अरब सागर के पास पासनी बंदरगाह बनाने और उसका संचालन करने का प्रस्ताव रखा है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह नागरिक बंदरगाह बलूचिस्तान के ग्वादर जिले के पास पासनी शहर में होगा, जो ईरान में भारत द्वारा बनाए जा रहे चाबहार बंदरगाह के नजदीक है।

असीम मुनीर के सलाहकारों ने रखा प्रस्ताव

पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के सलाहकारों ने इस प्रस्ताव को शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों के सामने रखा। योजना के तहत अमेरिका पासनी बंदरगाह पर एक टर्मिनल बनाएगा और संचालित करेगा, जिसकी लागत लगभग 1.2 अरब डॉलर होगी। यह टर्मिनल पाकिस्तान के महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों तक अमेरिकी पहुंच सुनिश्चित करेगा।

अफगानिस्तान और ईरान सीमा पर है पासनी

बलूचिस्तान का यह शहर अफगानिस्तान और ईरान की सीमा के पास स्थित है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ असीम मुनीर ने मुलाकात की थी, जिसमें ट्रंप ने जमकर तारीफ की। मुलाकात के दौरान, मुनीर ने ट्रंप को दुर्लभ खनिजों से भरा एक बॉक्स भी सौंपा, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। इसी बैठक में शहबाज शरीफ ने अमेरिकी कंपनियों को पाकिस्तान के खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

अमेरिकी धातु कंपनी ने किया है समझौता

हाल ही में एक अमेरिकी धातु कंपनी ने पाकिस्तान के साथ 500 मिलियन डॉलर का निवेश समझौता किया है, जिसमें रक्षा और प्रौद्योगिकी के लिए रणनीतिक खनिजों का ज्वाइंट इंवेस्टीगेशन शामिल है। सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव में बंदरगाह का इस्तेमाल अमेरिकी सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, इसे पश्चिमी पाकिस्तान के खनिज-समृद्ध प्रांतों से जोड़ने वाले रेल गलियारे के विकास के लिए वित्तपोषण किया जाएगा।
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