नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । पाकिस्तान में किडनी स्टोन का इलाज कराने पहुंचे 25 मासूम बच्चों के साथ जो हुआ, उसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। इन बच्चों के इलाज के नाम पर किडनी निकाल ली गई। यह हैरतअंगेज़ मामला पंजाब प्रांत से सामने आया है, जहां कथित 'फर्जी डॉक्टरों' के गैंग ने ऑपरेशन के बहाने मासूमों की किडनी चोरी कर डाली। पाकिस्तान में स्वास्थ्य व्यवस्था की सड़ांध और प्रशासनिक विफलता को उजागर करता यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने इलाज के नाम पर बच्चों की ज़िंदगी से खिलवाड़ किया। जिन 25 मासूमों को मामूली किडनी स्टोन की समस्या थी, उन्हें अस्पताल लाया गया, लेकिन वहां उनकी किडनी चोरी कर ली गई।
पाकिस्तानी मीडिया और पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटनाएं लाहौर और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में घटी हैं। जिस मेडिकल सेंटर में ये "इलाज" किया गया, वह किसी आधिकारिक निगरानी में नहीं था। यहां न तो कोई लाइसेंस था और न ही प्रशिक्षित डॉक्टर।
कैसे हुआ खुलासा? एक माता-पिता की हिम्मत से टूटा ताला
इस मेडिकल रैकेट का भंडाफोड़ तब हुआ जब एक पिता ने अपने बेटे के ऑपरेशन के बाद असामान्य लक्षण देखे। उन्होंने जब दूसरे अस्पताल में जांच करवाई तो सामने आया कि बच्चे की एक किडनी निकाल ली गई है। इसके बाद जब मामला पुलिस तक पहुंचा तो परत दर परत पूरी सच्चाई बाहर आई।
बताया जा रहा है कि इस गिरोह में एक कथित डॉक्टर समेत कई लोग शामिल हैं, जो पाकिस्तान के गरीब और अनपढ़ परिवारों को निशाना बना रहे थे। किडनी स्टोन के इलाज के नाम पर बच्चों को निशाना बनाया गया। इस रैकेट की खास बात ये थी कि सभी पीड़ित गरीब घरों से थे, जिनके पास कानूनी लड़ाई लड़ने का साधन नहीं था।
किडनी स्टोन का इलाज जैसे कीवर्ड के नाम पर बच्चों की किडनी चुराने वाला यह नेटवर्क कितने समय से काम कर रहा था, इसका अंदाजा अभी तक नहीं है।
पाकिस्तान में मानव अंगों की तस्करी गैरकानूनी है, लेकिन कानून के होते हुए भी इन गिरोहों पर लगाम नहीं लग रही। कमजोर प्रशासन, भ्रष्ट चिकित्सा व्यवस्था और गरीबी का फायदा उठाकर ये माफिया खुलेआम बच्चों तक को नहीं बख्श रहे।
“पाकिस्तान इस्लाम की प्रयोगशाला बनेगा” – जिन्ना का सपना या डरावना सच?
1947 में मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि पाकिस्तान इस्लाम की प्रयोगशाला बनेगा। लेकिन 21वीं सदी में ये प्रयोगशाला न तो इंसाफ दे पा रही है, न ही इंसानियत बचा पा रही है। बच्चों की किडनी चोरी होना उस प्रयोगशाला की असफलता का सबसे भयानक उदाहरण है।
इस खबर ने दुनिया भर में हड़कंप मचा दिया है। संयुक्त राष्ट्र और बाल अधिकार समूहों ने इस पर कड़ी निंदा की है। भारत समेत कई देशों में सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हो रहा है, जहां लोग पाकिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
गरीबी, अशिक्षा और मेडिकल टेरर का घातक गठजोड़
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब स्वास्थ्य तंत्र फेल होता है और शिक्षा का अभाव होता है, तो गरीब तबका सबसे पहले उसका शिकार बनता है। बच्चों के साथ ऐसी बर्बरता केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि मानवता की हत्या है।
किडनी स्टोन जैसी सामान्य बीमारी के इलाज के बहाने बच्चों की किडनी चुराना, कोई आम अपराध नहीं, बल्कि सुनियोजित मानवता के खिलाफ साजिश है। सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अब भी इन अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई कर पाएगा?
क्या आप मानते हैं कि बच्चों के साथ हुई यह बर्बरता पाकिस्तान की सबसे शर्मनाक घटनाओं में से एक है? कमेंट करके अपनी राय ज़रूर बताएं।
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