नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: पीएम नरेंद्र मोदी इन दिनों ब्रिटेन के दो दिवसीय दौरे पर हैं। गुरुवार को उन्होंने लंदन में ब्रिटेन के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह पहली द्विपक्षीय बातचीत है, जिसे बेहद रणनीतिक और व्यापारिक रूप से अहम माना जा रहा है। बैठक के बाद दोनों देशों के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर हो गए हैं। पीएम मोदी के इस दौरे को खासतौर पर भारत-ब्रिटेन FTA के अंतिम स्वरूप को मंजूरी देने के लिए अहम बताया जा रहा है, जिसकी तीन साल से बातचीत चल रही थी।
समझौता हर भारतीय के लिए फायदेमंद होगा
इस दौरान दोनों देशों के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए गए। यह करार भारत और यूके के बीच आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाई देगा और व्यापार, निवेश, शिक्षा, रक्षा और तकनीकी क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करेगा।पीएम मोदी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि यह समझौता हर भारतीय के लिए फायदेमंद होगा। इसके तहत कपड़े, जूते, गहने, सी-फूड और प्रोसेस्ड फूड का यूके में निर्यात सस्ता होगा, जबकि भारत में यूके से आयातित व्हिस्की, कारें और अन्य उत्पाद भी सस्ते होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, “FTA से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और व्यापारियों को नया बाज़ार मिलेगा। ब्रिटिश पीएम स्टार्मर ने कहा कि यह समझौता ब्रिटेन के लिए आर्थिक विकास और रोजगार का बड़ा जरिया बनेगा। उन्होंने कहा कि इससे ब्रिटेन में हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी।
शिक्षा और रणनीतिक सहयोग का नया अध्याय
PM मोदी ने बताया कि ब्रिटेन की छह यूनिवर्सिटी भारत में कैंपस खोलने जा रही हैं, जिसमें से एक ने हाल ही में गुरुग्राम में शुरुआत की है। दोनों नेताओं ने शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, रक्षा और तकनीकी नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने की प्रतिबद्धता जताई। मोदी ने कहा कि हमने ‘विजन 2035’ पर भी चर्चा की है, जो तकनीक, रक्षा, जलवायु और लोगों के आपसी जुड़ाव को मजबूत करने का रोडमैप होगा।
सुरक्षा और वैश्विक मुद्दों पर साझा रुख
प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करने पर ब्रिटिश सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। मोदी ने कहा, "हमने इंडो-पैसिफिक, यूक्रेन और मिडिल ईस्ट की स्थिति पर भी अपने विचार साझा किए हैं। आज के युग को विकासवाद की सोच से आगे बढ़ाना जरूरी है, न कि विस्तारवाद से।
तीन साल बाद समझौते पर बनी सहमति
भारत और यूके के बीच इस FTA को लेकर तीन वर्षों से बातचीत जारी थी। अब जब दोनों देशों ने इसपर हस्ताक्षर कर दिए हैं, तो इसे ब्रिटिश संसद से मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाएगा। इससे भारत और ब्रिटेन दोनों के व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिलेगी।
FTA से क्या बदलेगा?
FTA वह समझौता है, जिसके तहत दो देश आपसी व्यापार को सुगम बनाने के लिए आयात-निर्यात पर लगने वाले शुल्क, टैक्स और टैरिफ में कटौती या छूट देते हैं। भारत-यूके एफटीए से जहां भारतीय उद्योगों के लिए चमड़ा, वस्त्र, जूते आदि का निर्यात सस्ता और अधिक प्रतिस्पर्धी होगा, वहीं ब्रिटेन से व्हिस्की और लग्जरी कारों का आयात सस्ता हो सकता है।
मोदी कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी
एफटीए को लेकर भारत सरकार ने पहले ही अपनी कैबिनेट से स्वीकृति ले ली है। समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद, इसे ब्रिटेन की संसद से भी अनुमोदन मिलना जरूरी होगा, तभी यह औपचारिक रूप से लागू हो पाएगा। अपने ब्रिटेन दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटिश सम्राट किंग चार्ल्स तृतीय से भी बकिंघम पैलेस में मुलाकात करेंगे। यह शिष्टाचार भेंट भारत-ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देने का अवसर हो सकती है। PM Modi 2025