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Most polluted cities: ढाका की हवा में घुला 'जहर' ! सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष स्थान पर

ढाका ने शनिवार सुबह दुनिया में सबसे खराब वायु गुणवत्ता का रिकॉर्ड बनाया। वायु गुणवत्ता सूचकांक 151 से 200 के बीच होने पर 'गंभीर', 201 से 300 तक 'अति गंभीर', 301 से 400 तक 'खतरनाक' माना जाता है।

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YBN News
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ढाका, वाईबीएन नेटवर्क।

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 बांग्लादेश की राजधानी ढाका ने शनिवार सुबह दुनिया में सबसे खराब वायु गुणवत्ता का रिकॉर्ड बनाया। वायु गुणवत्ता और प्रदूषण रैंकिंग के अनुसार, शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 304 दर्ज किया गया, जो कि 'खतरनाक' श्रेणी में आता है। 

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Photograph: (IANS)

खतरनाक वायु गुणवत्ता

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जानकारी हो कि वायु गुणवत्ता सूचकांक 151 से 200 के बीच होने पर 'गंभीर', 201 से 300 तक 'अति गंभीर', 301 से 400 तक 'खतरनाक' माना जाता है। खतरनाक वायु गुणवत्ता बांग्लादेश के लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

देश के प्रमुख मीडिया संगठन, यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश के मुताबिक, चीन की राजधानी बीजिंग, उज्बेकिस्तान की ताशकंद और इराक की बगदाद क्रमशः 238, 220 और 179 के एक्यूआई स्कोर के साथ दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।

वायु गुणवत्ता रिपोर्ट

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मालूम हो कि दुनिया के विभिन्न शहरों की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट स्विस-आधारित संगठन 'आईक्यूएयर' द्वारा प्रकाशित की जाती है। वायु गुणवत्ता सूचकांक का उपयोग रोज की वायु गुणवत्ता को मापने के लिए किया जाता है। यह बताता है कि हवा कितनी साफ है या प्रदूषित और इससे स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकता है। 

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वहीं, पता हो कि एक्यूआई यह भी बताता है कि प्रदूषित हवा में कुछ घंटों या दिनों तक सांस लेने से लोगों की सेहत पर क्या असर पड़ सकता है। एक्यूआई की गणना पांच प्रमुख वायु प्रदूषकों के आधार पर की जाती है। पार्टिकुलेट मैटर (पीएम10 और पीएम 2.5), कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और ओजोन।

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वायु प्रदूषण के कारण होती है मौतें  

देश के प्रमुख समाचार पत्र द डेली स्टार के मुताबिक बांग्लादेश वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या का सामना कर रहा है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, देश में हर साल वायु प्रदूषण के कारण 102,456 मौतें होती हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण हर साल दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत होती है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक, 10 में से 9 लोग ऐसी हवा में सांस लेते हैं, जिसमें प्रदूषक स्तर अधिक होता है।

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डब्ल्यूएचओ वायु प्रदूषण की निगरानी और वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। शहरों में धुएं से लेकर घरों के अंदर धुएं तक, वायु प्रदूषण स्वास्थ्य और जलवायु के लिए एक बड़ा खतरा है।
 

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