नई दिल्ली , वाईबीएन नेटवर्क ।
अमेरिका और रूस के बीच लंबे समय से जारी तनाव को कम करने के लिए आखिरकार रूसी राष्ट्रपति ने अब अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं । असल में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पुतिन को फोन किया था, जिसमें दोनों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के मुद्दे पर चर्चा हुई । इस बातचीत के बाद खबर आ रही है कि पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को रूस आने का आमंत्रण दे दिया है । ट्रंप ने पुतिन के साथ ही बातचीत की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लोगों के साथ साझा भी की है । पुतिन के इस रुख से जहां कुछ लोग हैरान हैं , वहीं राजनीति के जानकारों का कहना है कि ट्रंप एक सुलझे हुए बिजनेसमैन हैं, वह इस बातचीत के पीछे अमेरिका के कुछ हितों को देख रहे हैं ।
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पुतिन से बातचीत के बाद जानें क्या बोले ट्रंप
असल में पुतिन के साथ फोन पर लंबी बातचीत के बाद ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा - मेरे और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कई मुद्दों पर काफी सकारात्मक बातचीत हुई । हमारे बीच रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के अलावा , मिडिल ईस्ट में जारी तनाव , आर्टिफिशल इंटेलिजेंस AI , एनर्जी , समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई । हम दोनों ने अपने देश के सफल इतिहास को याद करने के साथ ही दूसरे विश्व युद्ध में अपनी सफलता को याद किया । हमने इस दौरान उन लाखों लोगों को भी याद किया जो युद्द में मारे गए थे ।
यूक्रेन से युद्ध रोका जाए
उन्होंने इस दौरान लिखा कि हम दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की कि अब यूक्रेन के साथ रूस का जारी युद्ध रूक जाना चाहिए । इतना ही नहीं हम दोनों ने दोनों देशों की ताकत और भविष्य में साथ काम करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की । साथ ही हम दोनों ने एक दूसरे को एक दूसरे के देशों की यात्रा करने और आपसी सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर भी चर्चा की । उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने के अपनी अपनी टीमों को काम करने के लिए निर्देश दिए जाने पर भी सहमति जताई। ट्रंप ने कहा कि वह जल्द यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बात करेंगे और उसकी जानकारी जल्द साझा करेंगे ।
मैं राष्ट्रपति होता तो युद्ध होता ही नहीं
डोनाल्ड ट्रंप ने इस दौरान कहा कि रूस - यूक्रेन के युद्ध में दोनों ओर से बहुत बड़ी संख्या में सेना के जवानों अफसरों के साथ आम लोग भी मारे गए । अगर उस दौरान मैं अमेरिका का राष्ट्रपति होता तो ये युद्ध ही न होता , न ये लोग मारे जाते । लेकिन अब बहुत हुआ , अब यह युद्ध खत्म होना चाहिए ।