नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: अमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर में इमिग्रेशन रेड के खिलाफ शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन लगातार उग्र रूप ले रहे हैं। इन प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है। उनके इस फैसले के बाद प्रदर्शन और अधिक हिंसक होने की आशंका जताई जा रही है।
लोगों को हिरासत में लेने के बाद सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनों की शुरुआत शुक्रवार को उस समय हुई जब लॉस एंजिल्स में फेडरल एजेंट्स द्वारा कई लोगों को हिरासत में लिया गया। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। कई प्रदर्शनकारी मेक्सिकन झंडा लहराते हुए ट्रंप प्रशासन की इमिग्रेशन नीति का विरोध कर रहे हैं। जगह-जगह पर “नो मोर रेड्स” जैसे नारे लगाए जा रहे हैं।
संघीय एजेंटों के बीच झड़पें हुईं
स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब प्रदर्शनकारियों और संघीय एजेंटों के बीच झड़पें शुरू हो गईं। कई इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें सामने आई हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए ट्रंप प्रशासन ने नेशनल गार्ड को सक्रिय करने का निर्णय लिया। रक्षा सचिव पीट हेग्सेथ ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में इन घटनाओं को “हिंसक भीड़ का सुनियोजित हमला” करार दिया। उन्होंने लिखा कि ये प्रदर्शन अमेरिका से "अवैध अपराधियों" को हटाने की वैध प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश है और यह कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है।
देश में नस्ली और राजनीतिक तनाव बढ़ने की संभावना
रक्षा विभाग ने साफ किया है कि नेशनल गार्ड की तैनाती फेडरल कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता के लिए की जा रही है। वे प्रदर्शन स्थलों पर सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और किसी भी प्रकार की हिंसा पर नियंत्रण पाएंगे। विश्लेषकों का मानना है कि राष्ट्रपति ट्रंप की इस सख्त कार्रवाई से उनकी इमिग्रेशन नीति को समर्थन देने वाली दक्षिणपंथी लॉबी को सशक्तता मिलेगी, लेकिन इसके साथ ही देश में नस्ली और राजनीतिक तनाव और अधिक बढ़ने की संभावना भी है।
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