Advertisment

ईरान-इजरायल की लड़ाई में क्यों नहीं कूदा रूस, पुतिन ने बताया

रूस का ईरान से गठजोड़ काफी पुराना है। ईरान भी रूस पर भरोसा कर रहा था। उसे लगता था कि इजरायल अगर लड़ाई छेड़ेगा तो रूस उसकी मदद करेगा लेकिन रूस खामोश है। लड़ाई में अमेरिका के कूदने के बाद भी।

author-image
Shailendra Gautam
Donald trump & putin

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कःमिडिल ईस्ट में चल रहे सैन्य संघर्ष को लेकर रूस ने चुप्पी साध रखी है। ईरान में फोर्डो, नतांज और एस्फाहान परमाणु स्थलों पर रविवार को अमेरिका के हमलों के बाद रूस ने बमबारी की निंदा की। इसे गैर-जिम्मेदाराना और अंतर्राष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन कहा। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक खतरनाक ट्रेंड शुरू हो गया है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को और कमजोर करने वाला है। लेकिन अभी तक रूस इस लड़ाई से पूरी तरह अलग है। 

Advertisment

पुतिन ने की थी इजरायल-ईरान के बीच मध्यस्थता की पेशकश

हालांकि रूस का ईरान से गठजोड़ काफी पुराना है। ईरान भी रूस पर भरोसा कर रहा था। उसे लगता था कि इजरायल अगर लड़ाई छेड़ेगा तो रूस उसकी मदद करेगा लेकिन रूस खामोश है। लड़ाई में अमेरिका के कूदने के बाद भी। पिछले हफ्ते, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इजरायल-ईरान संघर्ष को समाप्त करने में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि मास्को एक ऐसे समझौते पर बातचीत करने में मदद कर सकता है जो तेहरान को इजरायल की सुरक्षा चिंताओं को दूर करते हुए एक शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की अनुमति दे सकता है। पर वो फिलहाल बड़े संकट में बुरी तरह से फंस चुके ईरान की मदद को आगे नहीं आए हैं।

रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि क्यों साध रहे चुप्पी

Advertisment


 मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरान-इजराइल संघर्ष को लेकर मास्को की भूमिका को स्पष्ट किया है, जिसके बाद अमेरिका ने ईरानी परमाणु स्थलों पर आश्चर्यजनक हवाई हमले किए। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस का मध्य पूर्व में अपने सहयोगियों के साथ एक गहन संबंध है। सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में पुतिन ने कहा कि मैं आपका ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित करना चाहूंगा कि पूर्व सोवियत संघ और रूसी संघ के लगभग दो मिलियन लोग इजराइल में रहते हैं। आज इजरायल लगभग रूसी भाषी देश है। हम रूस के समकालीन इतिहास में इसे हमेशा ध्यान में रखते हैं। उन्होंने कहा कि रूस की 15 प्रतिशत आबादी इस्लाम का पालन करती है और मॉस्को इस्लामिक सहयोग संगठन में पर्यवेक्षक है। रूस ने दशकों से मिडिल ईस्ट में एक नाजुक संतुलन बनाए रखा है। मॉस्को के इजरायल के साथ मधुर संबंध हैं, जबकि उसने ईरान के साथ मजबूत आर्थिक और सैन्य संबंध विकसित किए हैं। पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया है कि रूस का ईरान के साथ एक भरोसेमंद रिश्ता है और उसने बुशहर में अपना पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने में मदद की है। Iran Israel conflict 2025 | iran israel conflict update 

खामेनेई ने इजरायल को दी धमकी, अमेरिका का जिक्र नहीं किया

इस बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने ईरान में तीन परमाणु सुविधाओं पर अमेरिका द्वारा हमला किए जाने के एक दिन बाद इजरायल को सजा देने की कसम खाई है। ईरानी नेता के आधिकारिक हैंडल से एक्स पर बात करते हुए तेल अवीव के खिलाफ हमलों को तेज करने की कसम खाई, लेकिन अमेरिकी हमलों का कोई जिक्र नहीं किया। खामेनेई ने पोस्ट में कहा कि सजा जारी है। जायोनी दुश्मन ने एक गंभीर गलती की है, एक बड़ा अपराध किया है, इसे दंडित किया जाना चाहिए और इसे दंडित किया जा रहा है। इसे अभी दंडित किया जा रहा है।

Advertisment

Russia, Middle East, Russian President Vladimir Putin, Iran-Israel conflict, Iran Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei

putin Iran Israel conflict 2025 iran israel conflict update
Advertisment
Advertisment