रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करवाने के 'नेक मिशन' के लिए पुतिन ने प्रधानमंत्री Modi-trump को कहा, Thank You!
रूस-यूक्रेन युद्ध में अब शांति की राह तलाशी जा रही है। शांति पर बातचीत की कोशिशें जारी हैं। ट्रंप के राज में अमेरिका इसका अगुवा बनना चाहता है। ट्रंप चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति कराकर अमेरिका चौधरी बन जाए।
रूस-यूक्रेन युद्ध में अब शांति की राह तलाशी जा रही है। शांति पर बातचीत की कोशिशें जारी हैं। ट्रंप के राज में अमेरिका इसका अगुवा बनना चाहता है। ट्रंप चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति कराकर अमेरिका चौधरी बन जाए। हालांकि, यह भी हकीकत है कि अमेरिका ही वह देश है, जिसने सबसे अधिक युद्ध वाली आग में घी डाला। उधर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर लगातार ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई विश्व नेताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने प्रस्तावित युद्ध विराम पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अस्पष्ट प्रतिक्रिया की निंदा की और इसे 'बहुत चालाकी पूर्ण शब्द' बताया है।
पुतिन युद्ध विराम पर सैद्वांतिक तौर पर सहमत
दरअसल, व्लादिमीर पुतिन औपचारिक रूप से सीजफायर डील पर सहमत हो गए हैं। जब वे रूस-यूक्रेन युद्ध पर बात कर रहे थे तो वह उन देशों का नाम लेना नहीं भूले जो काफी समय से शांति की राह तलाशने में जुटे हैं। अमेरिका की तरफ से यूक्रेन में 30 दिन के सीजफायर के प्रस्ताव पर पहली बार पुतिन ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी। ट्रंप को शुक्रिया कहना लाजिमी था। कारण कि सीजफायर के अगुवा वही हैं। लेकिन सीजफायर डील पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत का भी जिक्र किया। इतना ही नहीं, उन्होंने पूरी दुनिया के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूक्रेन संघर्ष पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद दिया। हालांकि, इस दौरान उन्होंने चीन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका को भी शुक्रिया किया है।
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Photograph: (File)
रूस ने बताई भारत की अहमियत
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पुतिन ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान युद्धग्रस्त क्षेत्र में शांति स्थापित करने की प्रतिबद्धता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा की है। पुतिन ने कहा, "मैं यूक्रेन की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का आभार व्यक्त करता हूं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, भारत के प्रधानमंत्री मोदी, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सहित कई राष्ट्राध्यक्ष इस मुद्दे के समाधान के लिए महत्वपूर्ण समर्पण दिखा रहे हैं। हम उनके योगदान की सराहना करते हैं, क्योंकि यह संघर्ष को रोकने और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए उनका महान उद्देश्य है।"
मोदी ने कहा था,भारत शांति के साथ खड़ा है
प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र में शांति लाने पर जोर दिया और रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत के रुख को स्पष्ट किया है। हाल ही में व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ अपनी बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत इस मामले में तटस्थ नहीं है और उन्होंने जोर दिया कि भारत शांति के साथ खड़ा है। पीएम मोदी ने कूटनीतिक प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा था, "यह युद्ध का युग नहीं है, बल्कि संवाद और कूटनीति का युग है।" प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की दोनों के साथ भी बातचीत के खुले रास्ते बनाए रखे हैं। साथ ही उन्होंने बार-बार शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
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30 दिनों के युद्ध विराम का प्रस्ताव
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब में बैठक के दौरान अमेरिका ने 30 दिनों के युद्ध विराम का प्रस्ताव रखा है, जिसमें रूस से बिना किसी शर्त के समझौते को स्वीकार करने का आग्रह किया गया है। पुतिन ने युद्ध विराम के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए स्वीकार किया कि कुछ बारीकियां हैं, जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उनके पास इस बारे में "गंभीर प्रश्न" हैं कि प्रस्ताव को कैसे लागू किया जाएगा। जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन की टिप्पणियों को "आशाजनक" बताया, लेकिन यह भी कहा कि बयान "पूर्ण नहीं" था, यह सुझाव देते हुए कि आगे की चर्चा आवश्यक थी।
यूक्रेन ने भी युद्ध विराम प्रस्ताव पर सहमति जताई
इस बीच, फरवरी में ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई बैठक के बाद बढ़ते दबाव के बाद यूक्रेन ने इस सप्ताह की शुरुआत में सऊदी अरब में हुई वार्ता के दौरान युद्ध विराम प्रस्ताव पर सहमति जताई है। यूक्रेन में फरवरी 2022 में शुरू हुए युद्ध ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें कई लोग मारे गए या घायल हुए और लाखों लोग विस्थापित हुए। इस संघर्ष ने रूस और पश्चिम के बीच गंभीर आर्थिक और भू-राजनीतिक तनाव पैदा कर दिया है। हालांकि, युद्ध विराम चर्चाओं के साथ अब समाधान की उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।
पुतिन की प्रतिक्रिया पर भड़के जेलेंस्की
उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने प्रस्तावित युद्ध विराम पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अस्पष्ट प्रतिक्रिया की निंदा की और इसे ‘बहुत चालाकी पूर्ण शब्द’ बताया। बता दें पुतिन ने युद्ध विराम के अमेरिका के प्रस्ताव का ‘सैद्धांतिक रूप’ से समर्थन लेकिन साथ ही कुछ स्पष्टीकरण मांगे और कुछ शर्तें भी रख दी। जेलेंस्की ने कहा, "हम सभी ने सुना है...युद्ध विराम के विचार पर पुतिन के पूर्वानुमानित और बहुत चालाकीपूर्ण शब्द।"
रूस का जवाब साफ नहीं, जेलेंस्की
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, "हम ऐसी शर्तें नहीं रखते जो किसी भी चीज को जटिल बना दें। रूस ऐसा करता है। हमने हमेशा कहा है, केवल रूस ही है जो चीजों को खींचेगा।" जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि रूसी राष्ट्रपति प्रस्ताव को लेकर ‘वास्तव में इनकार की तैयारी कर रहे हैं’ हालांकि वह ‘राष्ट्रपति ट्रंप से सीधे यह कहने से डरते हैं कि वह इस युद्ध को जारी रखना चाहते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन की प्रस्ताव पर पूर्वशर्तों से कुछ काम नहीं करेगा और यह ज्यादा दिन नहीं चलेगा। वाशिंगटन के युद्ध विराम समझौते पर पुतिन ने कहा कि कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सुलझाए जाने की जरुरत है और किसी भी समझौते को संघर्ष के मूल कारणों को संबोधित करना चाहिए।
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