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कोलंबिया में संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी। एक्स
कोलंबिया, वाईबीएन डेस्क। कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर सत्तारूढ़ भाजपा पर भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने को कमजोर करने का आरोप लगाया है। इस बार उन्होंने कोलंबिया स्थित ईआईए विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित किया। गुरुवार को एक संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए, गांधी ने कहा कि वह भारत की सांस्कृतिक विविधता, तकनीकी मजबूती और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के कारण भारत को लेकर बहुत आशावादी हैं। लेकिन, उन्होंने आगाह किया कि देश गंभीर खतरों का सामना कर रहा है।
कहा, हम चीन की तरह लोगों को दबा नहीं सकते
उनका यह भाषण कांग्रेस ने सोशल मीडिया एक्स के अपने अकाउंट पर शेयर किया है। उन्होंने कहा, "सबसे बड़ा ख़तरा भारत में हो रहे लोकतंत्र पर हमले का है।" भारत वास्तव में अपने सभी लोगों के बीच संवाद का एक केंद्र है...। विभिन्न परंपराओं, धर्मों, विचारों को जगह की ज़रूरत होती है। और उस जगह को बनाने का सबसे अच्छा तरीका लोकतांत्रिक व्यवस्था है। वर्तमान में, लोकतांत्रिक व्यवस्था पर व्यापक हमला हो रहा है। इसलिए यह एक ख़तरा है।" गांधी ने चीन के साथ भी कठोर तुलना की। उन्होंने कहा, "हम चीन जैसा नहीं कर सकते, जो लोगों का दमन करता है और एक सत्तावादी व्यवस्था चलाता है। हमारी व्यवस्था इसे स्वीकार नहीं करेगी।"
नोटबंदी नीति की आलोचना, कहा यह पूरी तरह विफल रही
राहुल गांधी ने 2016 में भाजपा सरकार की नोटबंदी नीति की भी आलोचना की और इसे "विफल" बताया। कांग्रेस नेता ने कहा, "उन्होंने इस सोच के साथ नोटबंदी की कि इससे नकदी खत्म हो जाएगी। यह कारगर नहीं है। एक नीति के तौर पर, यह विफल रही।" भ्रष्टाचार से निपटने के तरीकों के बारे में पूछे जाने पर, राहुल गांधी ने सत्ता के विकेंद्रीकरण को भ्रष्टाचार से निपटने का एक प्रभावी तरीका" बताया, लेकिन फिर सत्तारूढ़ सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "भारत में अब बहुत ही केंद्रीकृत स्तर पर भ्रष्टाचार में व्याप्त है। तीन-चार कंपनियां पूरी अर्थव्यवस्था पर कब्जा कर रही हैं, जिनका प्रधानमंत्री से सीधा संबंध है।
चीन पर क्या बोले कांग्रेस नेता राहुल
कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या अगले 50 वर्षों में भारत और चीन दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं? इस पर उन्होंने कहा, "मुझे चीन के बारे में तो नहीं पता, लेकिन मुझे नहीं लगता कि भारत खुद को दुनिया का नेतृत्व करने वाला मानता है। भारत, चीन का पड़ोसी और अमेरिका का घनिष्ठ साझेदार है। हम ठीक उस जगह पर बैठे हैं जहां दोनों ताकतें आपस में टकरा रही हैं।"
भारत में लोकतंत्र पर हो रहे हमले
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "भारत दुनिया को बहुत कुछ दे सकता है और वह बेहद आशावादी हैं, लेकिन साथ ही भारतीय ढांचे में भी कुछ खामियां और जोखिम हैं जिनसे भारत को पार पाना होगा। सबसे बड़ा जोखिम लोकतंत्र पर हो रहा हमला है। उन्होंने कहा, "दूसरा जोखिम देश के विभिन्न हिस्सों के बीच दरार है। करीब 16-17 अलग-अलग भाषाएं और अलग-अलग धर्म हैं। इन विभिन्न परंपराओं को पनपने देना, उन्हें अपनी अभिव्यक्ति की जगह देना, भारत के लिए बहुत जरूरी है। हम वो नहीं कर सकते जो चीन करता है- लोगों को दबाना और एक सत्तावादी व्यवस्था चलाना। हमारी व्यवस्था इसे स्वीकार नहीं करेगी।"
'आर्थिक विकास के बावजूद हम नौकरियां देने में असमर्थ'
राहुल गांधी ने कहा, "भारत में आर्थिक विकास के बावजूद हम नौकरियां देने में असमर्थ हैं, क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था सर्विस सेक्टर पर निर्भर है और हम मैन्युफैक्चरिंग में असमर्थ हैं। अमेरिका में ट्रंप के साथ ज्यादातर लोग वे हैं जिन्होंने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में अपनी नौकरियां खो दी हैं। चीन ने एक गैर-लोकतांत्रिक वातावरण में उत्पादन का प्रदर्शन किया है, लेकिन हमें एक लोकतांत्रिक ढांचे की जरूरत है। हमारे लिए चैलेंज लोकतांत्रिक व्यवस्था के भीतर मैन्युफैक्चरिंग का एक ऐसा मॉडल विकसित करने का है, जो चीन को टक्कर दे सके।
प्रोपेगेंडा के नेता की तरह व्यवहार कर रहे हैं राहुल
राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा की ओर से पलटवार भी सामने आया है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पर कहा, "एक बार फिर, राहुल गांधी विपक्ष के नेता- यानी प्रोपेगेंडा के नेता की तरह व्यवहार कर रहे हैं। विदेश जाकर भारतीय लोकतंत्र पर हमला करते हैं! आखिरकार, वह भारतीय राज्य से ही तो लड़ना चाहते हैं, लेकिन कभी अमेरिका और ब्रिटेन से हमारे मामलों में दखल देने की मांग करते हैं, और अब यह। शिवसेना से लेकर न्यायपालिका, संविधान और सनातन तक।"
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