मास्को/वाशिंगटन, वाईबीएन डेस्क। ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले को रूस ने ‘‘गैर-जिम्मेदाराना’’ करार देते हुए रविवार को इसकी कड़ी निंदा की और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का ‘‘घोर उल्लंघन’’ है। अमेरिका ने इसरायल के समर्थन में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर बमबारी की। उधर, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने रविवार को कहा कि अमेरिका ईरान के साथ ‘‘युद्ध नहीं चाहता है’’। उनका यह बयान अमेरिका के ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अचानक हमला करने के बाद आया है
संप्रभु देश पर मिसाइल हमला गैर जिम्मेदाराना
रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘किसी संप्रभु देश पर मिसाइल और बम से हमला करने का निर्णय गैर-जिम्मेदाराना है, भले ही इसके लिए कोई भी दलील दी जाए। यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है, जिसमें पहले ही ऐसी कार्रवाइयों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य बताया गया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि यह ‘‘विशेष रूप से चिंताजनक’’ है कि हमला ‘‘एक ऐसे देश द्वारा किया गया जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।’’
तनाव खतरनाक स्तर तक पहुंचा
रूस ने अमेरिका और इसरायल की टकरावपूर्ण कार्रवाइयों को सामूहिक रूप से अस्वीकार करने का भी आह्वान किया। मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, विकिरण सहित बमबारी के नतीजों का आकलन किया जाना बाकी है, लेकिन ‘‘यह पहले से ही स्पष्ट है कि तनाव खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को और अधिक कमजोर करने वाला है।’’ रूस ने कहा कि पहले से ही संकटों का सामना कर रहे पश्चिम एशिया में संघर्ष के विकराल रूप धारण करने का खतरा काफी बढ़ गया है।
यह ‘‘विशेष चिंता का विषय’’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के बाद दावा किया कि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान ‘‘पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।’’ उन्होंने ईरान द्वारा जवाबी कार्रवाई करने पर और जोरदार हमले करने की चेतावनी दी। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर आधारित वैश्विक परमाणु अप्रसार व्यवस्था को अमेरिकी हमले से नुकसान होगा और यह ‘‘विशेष चिंता का विषय’’ है।
निगरानी प्रणाली की विश्वसनीयता को काफी नुकसान पहुंचा
बयान में कहा गया, ‘‘ईरान पर हमलों से एनपीटी और इस पर आधारित आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) सत्यापन और निगरानी प्रणाली की विश्वसनीयता को काफी नुकसान पहुंचा है।’’ इसमें कहा गया कि रूस को आईएईए के नेतृत्व से त्वरित, पेशेवर और ईमानदार प्रतिक्रिया की उम्मीद है, जिसमें टाल-मटोल वाली बातें न हों। रूस ने आईएईए के एक विशेष सत्र में विचार-विमर्श के लिए एजेंसी के महानिदेशक से एक ‘‘वस्तुनिष्ठ रिपोर्ट’’ की आवश्यकता पर जोर दिया, जो शीघ्र आयोजित होने वाला है। बयान के अनुसार, ‘‘बेशक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। अमेरिका और इजराइल की टकरावपूर्ण कार्रवाइयों को सामूहिक रूप से खारिज किया जाना चाहिए।’’
ईरान के साथ युद्ध नहीं चाहता है अमेरिका : पेंटागन
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने रविवार को कहा कि अमेरिका ईरान के साथ ‘‘युद्ध नहीं चाहता है’’। उनका यह बयान अमेरिका के ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अचानक हमला करने के बाद आया है।
परमाणु प्रतिष्ठानों को नष्ट करने के लिए बमबारी ही काफी नहीं
चीन की आधिकारिक मीडिया ने रविवार को ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी बमबारी की आलोचना करते हुए इसे रसातल की ओर उठाया गया एक और कदम बताया। वहीं, चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि हमलों में इस्तेमाल किये गए अमेरिकी ‘बंकर-बस्टर’ बम ईरान के भूमिगत परमाणु संयंत्रों को नष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकते हैं।