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Russia-Ukraine War: Trump- Zelensky तल्खी के बाद यूरोप में लामबंदी, तमाम नेता बोले- अकेला नहीं है यूक्रेन

अमेरिकी व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की के बीच दिखी तल्खी के बाद यूरोप में यूक्रेन के पक्ष में लामबंदी होती दिख रही है। यूरोपीय देश ट्रंप के व्यवहार से नाराज हैं।

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Dhiraj Dhillon
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Donald Trump- Zelensky

Donald Trump- Zelensky Photograph: (Google)

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अमेरिकी व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप में और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच हुई हॉट पर पूरी दुनिया ‌की नजर है। दरअसल यूक्रेन के राष्ट्रपति ट्रंप के बुलावे पर रूस- यूक्रेन युद्ध को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता करने पहुंचे थे, लेकिन दोनों नेताओं की बीच शुरू हुई सौहार्दपूर्ण वार्ता बहस में बदल गई। मीडिया के सामने हुई इस बहस को पूरी दुनिया ने देखा। 

दोनों नेता आमने- सामने दिखे

इस वार्ता के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमिर जेलेंस्की आमने- सामने दिखे। जेलेंस्की ने जहां ट्रंप पर पुतिन का पक्ष लेने आरोप लगाया, वहीं ट्रंप ने जेलेंस्की पर दुनिया को विश्व युद्ध में धकेलने तक का आरोप लगाते हुए व्हाइट हाउस से जाने तक को कह दिया। दरअसल ट्रंप उनके साथ खनिज समझौता चाहते थे, जिसके लिए जेलेंस्की ने साफ इंकार कर दिया। दूसरी ओर जेलेंस्की ने पुतिन को बुरा भला कहा।

तल्खी के बाद यूरोप में लामबंदी 

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अमेरिकी व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की के बीच दिखी तल्खी के बाद यूरोप में यूक्रेन के पक्ष में लामबंदी होती दिख रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन का समर्थन किया है और रूस की निंदा। मैक्रों ने इसका आधार भी बताया है, उन्होंने कहा है कि रूस हमलावर है और यूक्रेन पीड़ित है, इसलिए हम यूक्रेन के समर्थन में हैं। मैंक्रों ने तीन साल पहले यूक्रेन की मदद और रूस पर प्रतिबंध लगाने के अपने स्टैंड का सही ठहराते हुए कहा कि यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता और यूरोप की सुरक्षा के लिए लड़ रहे है। हमें यूक्रेन का समर्थन जारी रखना चाहिए।
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Photograph: (Google)

जानिए इस मामले में नार्वे का रुख

इस मामले में नार्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा व्हाइट हाउस में जो हुआ, वह अच्छा नहीं था। यूक्रेन को अभी भी अमेरिकी के समर्थन की जरूरत है। स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में नार्वे भी यूक्रेन के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन भी शांति और न्याय के लिए यूक्रेन के महत्व को समझना चाहिए।

एस्टोनिया के विदेश मंत्री ने पुतिन को जिम्मेदार कहा

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एस्टोनिया के विदेश मंत्री मार्स त्सहकना ने कहा है कि शांति के रास्ते में एक मात्र बाधा पुतिन खुद हैं। उन्होंने युद्ध जारी रखने का निर्णय लेकर खुद शांति की राह में बाधा खड़ी की है। अगर रूस युद्ध विराम की बात करेगा तो युद्ध होगा ही नहीं। अपने अस्तित्व के ल‌िए यूक्रेन का लड़ाई जारी रखना उसका मजबूरी है और एस्टोनिया का पूरा समर्थन यूक्रेन के साथ है।

जर्मनी में ट्रंप के रुख की निंदा

उधर जर्मनी का रुख भी यूक्रेन के साथ है। जर्मन संसद में कंजर्वेटिव पार्टी ग्रुप के डिप्टी जोहान वेडफुल ने व्हाइट हाउस के दृश्य को चौंकाने वाला बताया है। वेडफुल ने ट्रंप के व्यवहार की निंदा करते हुए यूक्रेन के समर्थन की बात कही है। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए एक्स पर लिखा है कि जेलेंस्की अकेले नहीं हैं। पोलैंड के लोग यूक्रेन के साथ खड़े हैं। 

स्पेन ने भी यूक्रेन को समर्थन का ऐलान कर दिया

नार्वे, एस्टोनिया, जर्मनी और पोलैंड के साथ ही स्पेन ने भी यूक्रेन को समर्थन का ऐलान कर दिया है। स्पेन के पीएम ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि स्पेन, यूक्रेन साथ है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने जेलेंस्की को संबोधित करते हुए कहा है कि आप अकेले नहीं हैं। हम न्यायपूर्ण और शांति के ल‌िए आपके साथ काम करना जारी रखेंगे। मजबूत बनें, बहादुर बनें और निडर बनें।

जानिए रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने क्या कहा

रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने भी मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि 'ट्रंप ने जेलेंस्की का बेनकाब करने का काम किया। इससे साफ हो गया है कि युद्ध को बढ़ावा कौन दे रहा है। ऊधर इटली की प्रधानमंत्री ने जॉर्जिया मेलोनी ने तत्काल मामले में अमेरिका, यूरोपीय राज्यों और सहयोगियों के बीच शिखर सम्मेलन बुलाने का आह्वान किया है। 
जॉर्जिया मेलोनी
जॉर्जिया मेलोनी Photograph: (Google)

नजदीक आ रहे हैं रूस- अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप और पुलिस की वार्ता के बाद अमेरिका और रूस लगातार नजदीक आते दिख रहे हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद 12 फरवरी को डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच करीब डेढ़ घंटे टेलीफोन पर बातचीत हुई थी। तब से लगातार दोनों देशों के बीच सौहार्द बढ़ता दिख रहा है। लंबे अरसे के बाद दोनों देश एक- दूसरे के नजदीक आने को आतुर दिख रहे हैं। 

2022 में अमेरिका ने लगाए थे प्रतिबंध

दोनों देशों में राजनयिकों की संख्या फिर बढ़ने लगी है। दोनों देश मान रहे हैं कि आपसी संबंधों को सामान्य बनाने के ल‌िए दूतावासों की कार्यप्रणाली सुचारु होनी चाहिए। बता दें कि 2022 में रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद अमेरिका ने तमाम आर्थिक और कूटनीतिक प्रतिबंध लगा दिए थे। उसके बाद से दोनों देशों में हवाई संपर्क भी टूटा हुआ है, हाल में रूस ने अमेरिका से उड़ान सेवा शुरू करने की बात भी कही है।
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