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Bangladesh: सत्यजीत रे का पैतृक घर ध्वस्त, मोहम्मद यूनुस सरकार ने ये क्या किया?

बांग्लादेश में महान फिल्म निर्माता सत्यजीत रे का पैतृक घर ध्वस्त किया गया। इस कार्रवाई के पीछे नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की प्रशासनिक टीम पर आरोप लगे हैं। जानें पूरा मामला।

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Dhiraj Dhillon
Satyajit Ray's house in Bangladesh

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।: Bangladesh news: भारतीय सिनेमा के महान निर्देशक सत्यजीत रे का पैतृक घर, जो बांग्लादेश के क्षेत्र में स्थित था, हाल ही में ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की प्रशासनिक टीम पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। यह ऐतिहासिक घर न केवल सत्यजीत रे के पारिवारिक इतिहास से जुड़ा था, बल्कि यह भारत और बांग्लादेश के साझा सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक माना जाता था। बता दें कि भारत सरकार की ओर से महान फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे के इस पुश्तैनी घर का रखरखाव करने की पेशकश भी की थी। मैमनसिंह शहर में स्थित इस घर को मैमनसिंह ‌शिशु अकादमी के रूप में जाना जाता था।

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क्यों विवादों में घिरी है यह ध्वस्तीकरण की कार्रवाई?

बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घर यूनुस प्रशासन की ओर से भूमि विकास परियोजना के तहत गिराया गया। करीब 100 पुरानी इस इमारत का सांस्क‌ृतिक विरासत होने के बाद भी रखरखाव नहीं किया गया और इमारत जर्जर हालत में पहुंच गई थी, अब बांग्लादेश सरकार ने उसे तोड़ गिराया। बड़ा सवाल यह भी है कि नोबेल शांति पुरुस्कार प्राप्त युनुस मोहम्मद के नेतृत्व वाली बांग्लादेश ने इस इमारत को गिराने का निर्णय लिया।  हालांकि, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, इतिहासकारों और भारत के कई सिने प्रेमियों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह सांस्कृतिक धरोहर को मिटाने का प्रयास है और ऐसे स्थलों को संरक्षित किया जाना चाहिए था।

house Of Satyajit Ray  in Bangladesh

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भारत में भी शुरू हुई प्रतिक्रिया 

भारत में खासकर बंगाल और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने इस कार्रवाई को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने इस घटना पर नाराजगी जताई और मांग की कि बांग्लादेश सरकार इस पर स्पष्टीकरण दे। बता दें कि सत्यजीत रे न केवल भारत, बल्कि विश्व सिनेमा के सबसे सम्मानित फिल्म निर्देशकों में गिने जाते हैं। उनकी कृतियाँ जैसे पाथेर पांचाली, अपुर संसार, और शतरंज के खिलाड़ी आज भी सिनेमा की पाठ्य पुस्तकों में पढ़ाई जाती हैं। उनका पैतृक घर, जो अब बांग्लादेश के क्षेत्र में आता है, उनकी सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा था। बांग्लादेश सरकार या मोहम्मद यूनुस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। 

टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने दुख जाहिर किया

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बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी सत्यजीत रे के इस पुश्तैनी घर के रखरखाव को लेकर सवाल उठाए थे। अब इस घर को तोड़े जाने पर टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने दुख जाहिर किया है। एक्स पर पोस्ट कर बनर्जी ने कहा है कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को बड़ा आघात लगा है। उन्होंने कहा सत्यजीत रे के पौत उपेंद्र रे चौधरी फिलहाल इस बिल्डिंग पर काबिज थे जो स्वयं भी बंगाली साहित्य और संस्कृति के दिग्गज रहे हैं। भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस मुुद्दे पर ट्वीट किया है कि यह महज एक इमारत का गिराया जाना नहीं है, बल्कि इतिहास को नष्ट करने के समान है।

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