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अमेरिका और स्पेन के एक्सपर्ट्स भी नहीं तोड़ सके 'स्लीपिंग प्रिंस' की नींद

अमेरिका व स्पेन के एक्सपर्ट्स की मदद के बावजूद उन्हें कभी पूरी तरह से होश नहीं आया। उन्हें रियाद के ले जाया गया। वहां वो लगभग दो दशकों तक वेंटीलेटर पर रहे।

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Jyoti Yadav
Prince Al-Waleed bin Khalid
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रियाद, आईएएनएस।सऊदी अरब के 'स्लीपिंग प्रिंस' के नाम से मशहूर प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद का 36 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह करीब दो दशक कोमा में थे। प्रिंस अल-वलीद के परिवार ने रविवार को उनके निधन की पुष्टि की है।प्रिंस अल-वलीद के पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल बिन अब्दुल अजीज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "अल्लाह के हुक्म, नियति में पूर्ण विश्वास और गहरे दुःख के साथ, हम अपने प्यारे बेटे प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। अल्लाह उन पर रहम करे।"

ब्रेन हेमरेज के कारण हुई मौत

परिवार ने घोषणा की है कि रविवार को रियाद स्थित इमाम तुर्की बिन अब्दुल्ला मस्जिद में असर की नमाज बाद अंतिम संस्कार की नमाज अदा की जाएगी।साल 2005 में कार एक्सीडेंट के बाद प्रिंस अल-वलीद कोमा में चले गए थे। हादसे के वक्त वह महज 15 साल के थे। प्रिंस अल-वलीद को ब्रेन हेमरेज हुआ, जिसके बाद उन्हें सऊदी अरब वापस लाया गया। यहां उन्हें रियाद के किंग अब्दुल अजीज मेडिकल सिटी में भर्ती कराया गया।

वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट पर थे निर्भर

अमेरिका और स्पेन के विशेषज्ञों से इलाज सहित व्यापक चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद, प्रिंस पूरी तरह से होश में नहीं आ सके। प्रिंस अल-वलीद करीब 20 वर्षों तक वह वेजिटेटिव स्टेट में रहे। इस दौरान वह वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट पर निर्भर थे। पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल, बेटे को जीवित रखने के फैसले पर अड़े रहे। उन्होंने लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाने के सुझाव को अस्वीकार कर दिया। वर्षों तक अपने बेटे के बिस्तर के पास पिता की मौजूदगी ने लोगों के साथ एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव पैदा किया। अप्रैल 1990 में जन्मे प्रिंस अल-वलीद, सऊदी शाही परिवार के एक प्रमुख सदस्य, प्रिंस खालिद बिन तलाल के सबसे बड़े बेटे थे। 

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