Advertisment

शहबाज के बदले सुर, कहा पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण गतिविधियों और आत्मरक्षा की खातिर

शरीफ ने यह टिप्पणी यहां पाकिस्तानी विद्यार्थियों के एक समूह को संबोधित करते हुए की। पिछले दिनों भारत के साथ चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष को याद करते हुए, शरीफ ने कहा कि भारतीय सैन्य हमलों में 55 पाकिस्तानी मारे गए।

author-image
Mukesh Pandit
shahbaz
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

इस्लामाबाद, वाईबीएन डेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि उनके देश का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण गतिविधियों और आत्मरक्षा के लिए है। शरीफ ने यह टिप्पणी यहां पाकिस्तानी विद्यार्थियों के एक समूह को संबोधित करते हुए की। पिछले दिनों भारत के साथ चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष को याद करते हुए, शरीफ ने कहा कि भारतीय सैन्य हमलों में 55 पाकिस्तानी मारे गए। 

Advertisment

पाकिस्तान ने पूरी ताकत से जवाब दिया

साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान ने पूरी ताकत से जवाब दिया। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, शरीफ ने जवाब दिया, ‘पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों और राष्ट्रीय रक्षा के लिए है, न कि हमले के लिए।’’ भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में छह मई की देर रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था।

आर्मी चीफ कर रहे भारत पर टिप्पणी

Advertisment

लेकिन पाकिस्तान की फितर है कि वह कहता कुछ है और करता कुछ। बता दें कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने कराची में स्थित नौसेना के एक पासिंग आउट समारोह में भारत के खिलाफ तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत जिसे आतंकवाद कहता है, वह दरअसल कश्मीरियों का स्वतंत्रता के लिए वैध संघर्ष है, जिसे अंतरराष्ट्रीय कानून मान्यता देता है। मुनीर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का भी जिक्र किया और दावा किया कि जिन लोगों ने कश्मीरी लोगों की इच्छा को दबाने की कोशिश की, उन्होंने इस आंदोलन को और प्रासंगिक बना दिया है।

यह बयान पाकिस्तान के उस पुराने रुख को दोहराता है, जिसमें वह कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों को 'स्वतंत्रता सेनानी' बताता रहा है। यह सीधे तौर पर भारत के इस आरोप की पुष्टि करता है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को न सिर्फ समर्थन देता है, बल्कि उन्हें नैतिक रूप से भी उकसाता है। इस तरह के बयानों से भारत में आतंकी हमलों का खतरा बढ़ जाता है, जैसा कि अतीत में कई बार देखा गया है।

Advertisment
Advertisment