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Indian Army को 'निकम्मा' कहने वाले Afridi का दुबई मेंं स्वागत, सोशल मीडिया पर बवाल

शाहिद अफरीदी के भारतीय सेना पर आपत्तिजनक बयान के बाद दुबई में केरल समुदाय द्वारा स्वागत किए जाने पर सोशल मीडिया पर भारी आलोचना हो रही है। जानिए पूरा विवाद।

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Dhiraj Dhillon
People of Kerala welcome Shahid Afridi in Dubai

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दुबई में रह रहे भारतीय केरल समुदाय द्वारा पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी का भव्य स्वागत किए जाने पर सोशल मीडिया पर गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। यह विवाद उस समय भड़का जब अफरीदी ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले पर विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना को 'निकम्मा' और 'नालायक' करार दिया था।
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People of Kerala welcome Shahid Afridi in Dubai
Photograph: (Google)
 

आतंकी हमले पर अफरीदी के आपत्तिजनक बयान

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22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 28 भारतीय नागरिकों की मौत हुई थी। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन TRF (The Resistance Front) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। इसके बावजूद अफरीदी ने पाकिस्तानी चैनल 'समा टीवी' पर बात करते हुए कहा- “भारत में पटाखे भी फूटें, तो इल्जाम पाकिस्तान पर आता है... 8 लाख की फौज कश्मीर में है, फिर भी हमला हो गया? इसका मतलब है तुम लोग नालायक हो, सुरक्षा नहीं दे सकते।” उन्होंने भारतीय सेना, मीडिया और क्रिकेटरों को भी तंज कसते हुए "बॉलीवुड ड्रामा" करार दिया।

दुबई में 'बूम-बूम' नारों से हुआ स्वागत

हाल ही में दुबई में आयोजित एक कार्यक्रम में जैसे ही अफरीदी मंच पर पहुंचे, वहां उपस्थित लोगों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति रोककर "बूम बूम" के नारों के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। अफरीदी ने मंच से कहा- “मुझे भारत, खासकर केरल और वहां का खाना बहुत पसंद है।”और फिर हंसते हुए जोड़ा, “हो गया बूम बूम।” यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, आलोचनाओं की बाढ़ आ गई।
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सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

एक्स पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- जो आदमी भारत और सेना के खिलाफ जहर उगलता है, उसी का मलयाली समुदाय दुबई में बूम-बूम कहकर स्वागत करता है? बेहद शर्मनाक!" दूसरे यूजर ने लिखा- देशभक्ति गई छक्के पर। सबसे शिक्षित राज्य से ऐसी उम्मीद नहीं थी।" कई यूजर्स ने सवाल उठाए कि एक आतंकी हमले के तुरंत बाद, जब देश शोक में था, कैसे कोई भारतीय समुदाय इस तरह एक भारत विरोधी चेहरा खुलेआम सम्मानित कर सकता है?
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अफरीदी को लेकर दोहरी मानसिकता पर उठे सवाल

जहां एक ओर भारतीय जवान सीमाओं पर जान की बाजी लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश विरोधी बयान देने वालों का स्वागत करना एक राष्ट्रवादी भावना को ठेस पहुंचाने जैसा माना जा रहा है। यह घटना न सिर्फ केरल समुदाय के एक हिस्से की सोच पर सवाल उठाती है, बल्कि देशभक्ति और विवेक की परिभाषा को भी पुनः सोचने पर मजबूर करती है।
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