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बढ़ रही हैं Sheikh Hasina की मुश्किलें, अपदस्थ पीएम और उनकी बेटी के खिलाफ वारंट

ढाका की एक अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बेटी समेत 17 के खिलाफ आवासीय भूखंड में धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।

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Dhiraj Dhillon
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना

Photograph: (Google)

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ढाका, वाईबीएन नेटवर्क।

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Bangladesh news: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ ही उनकी बेटी की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं। मां- बेटी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में शिकंजा कसता जा रहा है। देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में ढाका की एक अदालत ने मां- बेटी समेत 17 अन्य के खिलाफ आवासीय भूखंड में धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। अदालत के इस आदेश के बादबांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर संकट के मुहाने पर आ खड़ी हुई है।

मामला केवल कानूनी कार्रवाई का नहीं

यह मामला केवल कानूनी कार्रवाई का नहीं, बल्कि सत्ता, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय छवि से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि हसीना और उनकी बेटी ने ढाका के राजुक क्षेत्र में नियमों की अनदेखी कर जमीन हासिल की, जब हसीना स्वयं प्रधानमंत्री थीं। हालांकि यह मामला सीधा-सीधा हितों के टकराव का नजर आ रहा है। साइमा वाजेद पुतुल, जो वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय निदेशक हैं, अब अंतरराष्ट्रीय जांच और नैतिक समीक्षा के दायरे में आ सकती हैं। दरअसल ऐसे पद पर बैठे व्यक्ति से उच्च नैतिक मानकों की अपेक्षा की जाती है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या WHO भी इस मामले में प्रतिक्रिया देगा, क्योंकियह स्थिति संस्था की साख पर असर डाल सकती है।
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अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं!

अब तक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से इस मामले में कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, परंतु बांग्लादेश की राजनीति पर नजर रखने वाले मानते हैं कि यदि यह मामला आगे बढ़ता है तो संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं स्थिति पर राय देने के लिए बाध्य हो सकती हैं। साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि क्या यह कार्रवाई कानून के तहत निष्पक्ष रूप से हो रही है या राजनीतिक बदले का हिस्सा है। हसीना लंबे समय से बांग्लादेश की सबसे प्रभावशाली नेताओं में रही हैं, अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और वैश्विक छवि, दोनों पर बड़ा असर डाल सकता है।

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