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अल-फशर, उत्तरी दारफुर वाईबीएन न्यूज। सूडान के अल-फशर शहर में शुक्रवार को एक मस्जिद को निशाना बनाने वाले ड्रोन हमले में कम से कम 75 लोगों की मौत हो गई। यह हमला उस समय हुआ जब मस्जिद में लोग नमाज अदा कर रहे थे। प्रथम प्रतिक्रिया दल और स्थानीय राहत समूहों ने बताया कि कई शव मलबे में दबे हैं और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हमले का वीडियो भी सामने आया है, हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है।
पर लगा है हमले का आरोप
द गार्जियन के मुताबिक हमले का आरोप अर्धसैनिक संगठन रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (RSF) पर लगाया गया है। सूडानी सेना का कहना है कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाना इस विद्रोही मिलिशिया की पहचान है। इसी सप्ताह आरएसएफ ने अल-फशर में 18 लोगों की हत्या और 14 अन्य को अगवा किया था, जिनमें तीन लड़कियां भी शामिल थीं।
सूडान में गृहयुद्ध
सूडान में अप्रैल 2023 से गृहयुद्ध जारी है, जब सेना और आरएसएफ के बीच सत्ता संघर्ष शुरू हुआ। इस लड़ाई ने देश को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार अब तक 40,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और लगभग 1.2 करोड़ लोग विस्थापित हो चुके हैं। अल-फशर सूडानी सेना का दारफुर में अंतिम ठिकाना है और पिछले एक साल से संघर्ष का केंद्र बना हुआ है।
मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय चेतावनी
The Guardian के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच केवल दारफुर क्षेत्र में ही 3,384 नागरिकों की मौत हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश हत्याएं तोपखाने की गोलाबारी, ड्रोन और हवाई हमलों में हुई हैं। अल-फशर में नागरिक अब भोजन, पानी और दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं और सुरक्षित मार्ग नहीं हैं।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायाल कर रहा जांच
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) अब तक हुई सामूहिक हत्याओं और अन्य अमानवीय घटनाओं की जांच कर रहा है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि लोग अब मलबे और दफन कंटेनरों में छिपकर अपनी जान बचा रहे हैं। राहत कार्यकर्ता और अंतरराष्ट्रीय संगठन लोगों की मदद के लिए तुरंत हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।Sudan में इस संघर्ष को 21वीं सदी की सबसे गंभीर मानवाधिकार संकट के रूप में देखा जा रहा है। अब तक 1.5 लाख से अधिक लोग मारे गए और 1.4 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।