तेहरान, वाईबीएन डेस्क। ईरान पर अमेरिका के हवाई हमले के एक दिन बाद दोहा और सीरिया में अमेरिकी मिलिट्री बेस पर अटैक की सूचना है। सरिया के एक न्यूज पोर्टल ने दावा किया है कि पश्चिमी हसाका प्रांत के एक इलाके में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे को निशाना बनाया गया है। इससे मध्य पूर्व में और कोहराम मचने की आशंका बढ़ गई है। अमेरिका ने पहले ही कहा था कि अगर उसके लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई तो कड़ा जवाब दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, कतर की वायु रक्षा ने ईरान द्वारा अपनी राजधानी दोहा पर दागी गई मिसाइलों को रोका।
ईरान ने मिसाइल हमला किया
क़तर स्थित अमेरिकी सैनिक अड्डे पर ईरान ने मिसाइल हमला किया है। ईरान का कहना है कि ये हमला मित्र क़तर पर नहीं बल्कि अमेरिका के सैन्य अड्डे पर है। लेकिन क़तर ने हमले के लिए ईरान की निंदा की है। अब सवाल उठता है कि अमेरिका इस पर क्या प्रतिक्रिया करेगा। ईरान ने उस पर हमला करके सीधे चुनौती दे दी है। आज ही ट्रम्प ईरान पर हमले की समीक्षा करने वाले हैं। अगर उन्होंने जवाबी हमला किया तो जंग बढ़ सकती है। रूस ने आज ही साफ़ कहा है कि वह ईरान के साथ है। चीन ने भी उसे मिसाइलें बनाने की सामग्री भेजी है। होर्मुज जल डमरू मध्य को बंद करने की तैयारी ईरान कर रहा है। कुल मिलाकर टकराव बढ़ता जा रहा है।
सीरिया में अमेरिका के 2000 सैनिक तैनात
ईरानी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सीरिया के अल-हसका प्रांत में स्थित एक अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर ईरान समर्थित बलों ने मिसाइल हमला किया। अमेरिकी सेना 2014 से सीरिया में मौजूद है। उसका मकसद इस्लामिक स्टेट यानी आईएसआईएस को खत्म करना है. कहा जा रहा है कि सीरिया में लगभग 2,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और ये उत्तर-पूर्वी सीरिया में कुर्दिश-नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज के साथ मिलकर काम करते हैं। ये सैनिक अल-तनफ, शद्दादी, रुमालिन लैंडिंग जोन, और खराब अल-जिर जैसे प्रमुख ठिकानों पर तैनात हैं।
नेतन्याहू को सजा देकर रहेगा ईरान
उधर, मेजर जनरल अब्दुल रहीम मौसवी ने कहा कि ईरान द्वारा इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को दी जाने वाली सजा पूरी ताकत से जारी रहेगी। ये कदम अमेरिका के आक्रामक कदमों के अनुरूप ही उठाए जाएंगे। मेजर जनरल मौसवी ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि ईरान की धरती पर अमेरिका के हमले का जवाब नहीं दिया जाएगा और ईरानी सशस्त्र बल अमेरिकी हमलों का मुंहतोड़ जवाब देंगे।
सशस्त्र बल किसी भी हमलावर के साथ समझौता नहीं करेंगे
उन्होंने आगे कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री को अमेरिकी ट्रंप का समर्थन फर्जी शासन की मदद करने के उद्देश्य से है जो ईरान का सामना करने में विफल रहा है। उन्होंने देश के सशस्त्र बलों के समर्थन में ईरान के महान लोगों की एकजुटता के लिए आभार व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि देश के सशस्त्र बल दुश्मन की धमकियों का करारा जवाब देंगे। मेजर जनरल अब्दुलरहीम मौसवी ने आगे कहा कि देश के सशस्त्र बल किसी भी हमलावर के साथ समझौता नहीं करेंगे और दुश्मनों के हमले का निर्णायक जवाब देंगे।