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Bangladesh में तख्तापलट का खतरा मंडराया, सेना और सरकार आमने-सामने

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार को अवैध घोषित कर दिया है, जिससे तख्तापलट की आशंका फिर से बढ़ गई है।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहरा गया है। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को अवैध करार दिया है, जिसके बाद यूनुस ने इस्तीफे की धमकी दी है। इस घटनाक्रम ने देश में एक और तख्तापलट की आशंका को जन्म दिया है। ढाका में हिंसक प्रदर्शनों की संभावना जताई जा रही है, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।

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शेख हसीना का तख्तापलट और यूनुस की सत्ता में एंट्री

5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट हुआ, और वह जान बचाकर भारत आ गईं। इसके बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया। हालांकि, यूनुस के नेतृत्व में भी स्थिति स्थिर नहीं रही। शेख हसीना ने यूनुस को लेकर कहा था कि वह कभी लोगों से मोहब्बत नहीं करते थे और उनकी नीतियों से गरीबों को कोई लाभ नहीं हुआ।

सेना की सख्त चेतावनी और यूनुस की प्रतिक्रिया

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सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने यूनुस को चेतावनी दी है कि दिसंबर 2025 से पहले चुनाव कराए जाएं। उन्होंने यूनुस से सैन्य मामलों में हस्तक्षेप बंद करने और प्रमुख मुद्दों की जानकारी सेना को देने की मांग की है। इसके जवाब में, यूनुस ने छात्रों के माध्यम से सत्ता में बने रहने की मांग की है और चुनाव के बिना पांच साल तक सत्ता में बने रहने की इच्छा जताई है।

राजनीतिक दलों की सक्रियता और संभावित गठबंधन

बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बीएनपी ने चुनाव की मांग तेज कर दी है। साथ ही, नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) और इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने भी छात्रों के माध्यम से सत्ता में बने रहने की मांग की है। ये दल एक साथ मिलकर यूनुस के समर्थन में रैली आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।

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संभावित तख्तापलट और भविष्य की दिशा

बांग्लादेश में अब तक दो दर्जन से अधिक तख्तापलट हो चुके हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए, एक और तख्तापलट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। सेना की सख्त चेतावनी और राजनीतिक दलों की सक्रियता से यह स्पष्ट होता है कि देश एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता की ओर बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की राजनीतिक दिशा पर यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

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