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Trump की 'ड्रग्स लिस्ट' में भारत का नाम, इस देश को बताया सबसे बड़ा खतरा!

ट्रंप ने 23 देशों की ड्रग्स लिस्ट जारी की, जिसमें भारत भी शामिल है। उन्होंने चीन को खतरनाक ड्रग्स का सबसे बड़ा स्रोत बताया। भारत की एनसीबी ने हाल ही में इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया, जिसकी अमेरिका ने भी सराहना की।

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Ajit Kumar Pandey
ट्रंप के 'ड्रग्स लिस्ट' में भारत का नाम, इस देश को बताया सबसे बड़ा खतरा! | यंग भारत न्यूज

ट्रंप के 'ड्रग्स लिस्ट' में भारत का नाम, इस देश को बताया सबसे बड़ा खतरा! | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ड्रग्स तस्करी और अवैध उत्पादन को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत समेत 23 देशों को शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट में ट्रंप ने चीन को दुनिया भर में फैले खतरनाक नशीले पदार्थों का सबसे बड़ा स्रोत करार दिया है। इस खुलासे के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स की रोकथाम को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है।

टाइम्स आफ इंडिया के अनुसर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी की गई 'प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन' रिपोर्ट ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। इस रिपोर्ट में 23 ऐसे देशों का नाम है जो या तो ड्रग्स का अवैध उत्पादन करते हैं या फिर उनकी ज़मीन का इस्तेमाल ड्रग्स की तस्करी के लिए होता है। इस लिस्ट में भारत का नाम देखकर कई लोगों को आश्चर्य हुआ, लेकिन ट्रंप का सबसे बड़ा निशाना चीन था। उन्होंने चीन पर सीधा हमला करते हुए उसे दुनिया में 'फेंटानिल' और अन्य सिंथेटिक ड्रग्स फैलाने का सबसे बड़ा केंद्र बताया।

ड्रग्स की तस्करी का यह नेटवर्क सिर्फ कुछ देशों तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक जटिल और खतरनाक जाल है जो डिजिटल दुनिया का भी सहारा ले रहा है। नशीले पदार्थों के कारोबारी अब क्रिप्टो करेंसी और डार्क वेब जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि उनकी पहचान छिपी रहे। इस रिपोर्ट में ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि ड्रग्स का यह कारोबार अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।

क्या भारत भी ड्रग्स के दलदल में फंसा है?

ट्रंप की रिपोर्ट में भारत का नाम देखकर कई सवाल खड़े होते हैं। हालांकि, भारतीय एजेंसियां लगातार ड्रग्स के खिलाफ अभियान चला रही हैं। हाल ही में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया है जो डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करके अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा था। इस कार्रवाई ने साबित किया कि भारत इस समस्या को गंभीरता से ले रहा है।

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दिल्ली के बंगाली मार्केट के पास हुई एक रूटीन चेकिंग ने इस पूरे नेटवर्क का खुलासा किया। यह कार्रवाई इतनी सफल रही कि अमेरिका ने भी इसकी सराहना की। नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने एनसीबी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि भारतीय एजेंसियों ने उनके नागरिकों को अवैध ड्रग्स से बचाने में बड़ी मदद की है। यह दर्शाता है कि भारत सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।

ट्रंप की लिस्ट में कौन-कौन से देश शामिल हैं?

ट्रंप द्वारा जारी की गई इस लिस्ट में एशिया के अलावा लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों के नाम भी शामिल हैं। एशिया से अफगानिस्तान, बर्मा, चीन, भारत और पाकिस्तान का नाम है। इसके अलावा, बहामास, बेलीज, बोलीविया, कोलंबिया, कोस्टा रिका, डोमिनिकन रिपब्लिक, इक्वाडोर, अल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला, हैती, होंडुरास, जमैका, लाओस, मैक्सिको, निकारागुआ, पनामा, पेरू और वेनेजुएला भी इस सूची में हैं।

ट्रंप ने विशेष रूप से अफगानिस्तान, बोलीविया, बर्मा, कोलंबिया और वेनेजुएला को "नाकाम" बताया। उन्होंने कहा कि इन देशों में ड्रग्स का कारोबार खुलेआम चल रहा है। अफगानिस्तान में अफीम की खेती पर प्रतिबंध के बावजूद इसका अवैध व्यापार जारी है।

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अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया क्यों आती है ऐसी लिस्ट?

अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, किसी देश का इस लिस्ट में शामिल होना यह नहीं दर्शाता कि वह सहयोग नहीं कर रहा। कई बार भौगोलिक और आर्थिक हालात ऐसे होते हैं कि सरकारें चाहकर भी ड्रग्स की तस्करी को पूरी तरह नहीं रोक पातीं। यह रिपोर्ट एक तरह से देशों को यह बताने का प्रयास है कि ड्रग्स की समस्या को और गंभीरता से लिया जाए। ट्रंप का चीन पर हमला इस बात को साबित करता है कि वे इसे केवल व्यापारिक मुद्दा नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा मानते हैं।

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