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खासमखास रूसी को ट्रम्प ने बनाया भारत का राजदूत, मस्क ने बताया था सांप

सर्जियो गोर का जन्म ताशकंद में हुआ था। ये उस समय सोवियत संघ के उज्बेक गणराज्य का हिस्सा था। बाद में वे 1999 में अपने परिवार के साथ अमेरिका चले गए।

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Shailendra Gautam
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Photograph: (flle)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को घोषणा की कि सर्जियो गोर भारत में अगले अमेरिकी राजदूत होंगे। वह भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सहज बनाने पर काम करेंगे। गोर को दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत भी नियुक्त किया गया है। गोर रूस के रहने वाले हैं। अमेरिका में ये माना जाता है कि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रम्प की दोस्ती उनकी वजह से टूटी थी। वो मूल रूप से रूस के रहने वाले हैं। 

ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किया ऐलान

ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्रुथ सोशल पर यह घोषणा की। उन्होंने संघीय सरकार में हजारों राजनीतिक पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति में मदद करने का श्रेय गोर को दिया। कहा कि प्रशासन के लक्ष्यों को लागू करने में उनका काम महत्वपूर्ण था। कर्मचारियों की नियुक्ति में गोर के काम की सराहना करते हुए ट्रम्प ने कहा- सर्जियो एक अच्छे दोस्त हैं, जो कई सालों से मेरे साथ हैं। उन्होंने मेरे ऐतिहासिक राष्ट्रपति अभियान पर काम किया, मेरी बेस्टसेलिंग किताबें प्रकाशित कीं और सबसे बड़े सुपर पैक्स में से एक का संचालन किया। 

ट्रम्प के बेहद नजदीक पर विदेश नीति से जुड़ाव नहीं

हालांकि व्हाइट हाउस इस कदम को प्रमोशन बता रहा है, लेकिन हाल के महीनों में गोर का प्रशासन के कई सदस्यों से टकराव हुआ है। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार- अपने प्रभाव के बावजूद गोर को विदेश नीति का बहुत कम अनुभव है। विदेश नीति मामलों में उनका अनुभव ट्रम्प की विदेश यात्राओं में शामिल होने और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अधिकारियों को हटाने तक ही सीमित रहा है।

गोर 2020 से ट्रम्प के साथ रहे हैं। उन्होंने ट्रम्प के चुनाव के लिए पैसा उगाहने में भूमिका निभाई थी। गोर वर्तमान में व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय का नेतृत्व करते हैं। जब तक सीनेट उनको राजदूत बनाने के फैसले पर मुहर नहीं लगाती तब तक वो इस पद पर बने रहेंगे।

ताशकंद में जन्मे गोर चले आए थे अमेरिका

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सर्जियो गोर का जन्म ताशकंद में हुआ था। ये उस समय सोवियत संघ के उज्बेक गणराज्य का हिस्सा था। बाद में वे 1999 में अपने परिवार के साथ अमेरिका चले गए। अमेरिका में बसने के बाद उन्होंने वाशिंगटन डीसी के जॉर्ज वाशिंगटन विवि में अध्ययन किया। वहां वो छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए। कॉलेज रिपब्लिकन में शामिल होने के बाद उन्होंने यंग अमेरिका फाउंडेशन के एक कैंपस चैप्टर की स्थापना की।

पढ़ाई के दौरान ही बन गए थे रिपब्लिक

अपनी पढ़ाई के बाद गोर रिपब्लिकन बन गए। उन्होंने केंटकी के सीनेटर रैंड पॉल के लिए काम किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नजदीकी लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए। इनमें ट्रम्प के बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर भी शामिल थे। उनके साथ उन्होंने बाद में एक प्रकाशन कंपनी की स्थापना की।

2024 में, गोर ने ट्रम्प के सुपर पैक का नेतृत्व किया, जिसे मार्वल के पूर्व कार्यकारी और मार-ए-लागो के सदस्य आइजैक पर्लमटर से सहायता मिली। अपने बढ़ते प्रभाव के बावजूद गोर कई विवादास्पद मीडिया रिपोर्टों का हिस्सा रहे हैं। द न्यू यॉर्क टाइम्स ने उनकी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि पर संदेह जताते हुए उन पर सवाल उठाए थे। गोर ने ट्रम्प प्रशासन में शमिल होने से पहले एक शादी के डीजे के रूप में भी काम किया था।

मस्क ने गोर की आलोचना करते हुए उन्हें सांप कहा

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गोर ने ट्रम्प और टेक दिग्गज एलन मस्क के बीच विवाद में अहम भूमिका निभाई थी। टेस्ला के सीईओ और सर्जियो गोर के बीच  महीनों तक टकराव रहा था। उसके बाद टेस्ला के सीईओ ने मई में ट्रम्प प्रशासन से इस्तीफा दे दिया। कई रिपोर्टों के अनुसार, मार्च में एक कैबिनेट बैठक के दौरान तनाव उभरकर सामने आया, जहां मस्क और अन्य अधिकारियों के बीच बहस हुई। हालांकि उस समय गोर का नाम सार्वजनिक रूप से नहीं लिया गया था, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने स्टाफिंग पर मस्क के प्रभाव का विरोध किया था। यह दरार और गहरी हो गई। एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में मस्क ने गोर की आलोचना करते हुए उन्हें सांप कहा।

इस घटना ने मस्क के ट्रम्प के साथ संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया। मतभेद पैदा हुए, जिसमें प्रशासन के एजेंडे पर मस्क का सार्वजनिक हमला भी शामिल था। एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार गोर नहीं चाहते थे कि मस्क इन फैसलों में शामिल हों। माना जा रहा है कि मस्क और ट्रम्प के बीच की तनातनी की सबसे बड़ी वजह वो खुद थे।

टीम ट्रम्प के सबसे पावरफुल शख्स हैं गोर 

गोर को ट्रम्प की टीम में पर्दे के पीछे के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक माना जाता है। उन्होंने चुनाव के लिए धन जुटाया है और ट्रम्प के वित्तीय मददगारों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे हैं। खास बात है कि गोर को भारत का राजदूत बनाने की घोषणा तब हुई जब अमेरिका के एक प्रतिनिधिमंडल की 25-29 अगस्त तक होने वाली नई दिल्ली की प्रस्तावित यात्रा अचानक रद्द हो गई थी।

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