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अलास्का में ट्रंप-पुतिन मुलाकात पर दुनिया की नजर, Ukraine- Russia war पर बड़े फैसले की उम्मीद

अलास्का में ट्रंप और पुतिन की बहुप्रतीक्षित मुलाकात से दुनिया की निगाहें जुड़ीं। यूक्रेन-रूस युद्ध में संभावित शांति समझौते, जेलेंस्की की भूमिका और भविष्य के भू-राजनीतिक समीकरण पर बड़ा असर पड़ सकता है।

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Dhiraj Dhillon
Putin Zelenski and Trump
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अलास्का में शुक्रवार को होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक वैश्विक सुर्खियों में है। ट्रंप का कहना है कि वार्ता के शुरुआती दो मिनट में ही उन्हें अंदाजा हो जाएगा कि यूक्रेन-रूस युद्ध को रोकने के लिए कोई समझौता संभव है या नहीं।

ट्रंप बोले- “नतीजा अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी”

व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने कहा कि वे पुतिन से “लड़ाई जारी रखें” भी कह सकते हैं, या फिर यूक्रेन से “समझौते” की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। उन्होंने इस मुलाकात को “स्थिति भांपने वाली बैठक” बताया।

जेलेंस्की को शामिल करने पर अनिश्चितता

संवाददाताओं के सवालों पर ट्रंप ने यह साफ नहीं किया कि क्या यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भी शांति वार्ता में शामिल किया जाएगा। उन्होंने जेलेंस्की की आलोचना करते हुए कहा कि कई बैठकों के बावजूद वे युद्ध खत्म नहीं कर पाए।इस बीच, यूक्रेन की ओर से किए गए ड्रोन हमलों में रूस के एक नागरिक की मौत और दो लोग घायल हो गए, जबकि रूस ने दावा किया कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने 39 ड्रोन मार गिराए।

अमेरिका-रूस संबंध सामान्य होने की उम्मीद

ट्रंप ने कहा कि अलास्का बैठक के बाद “पुतिन-जेलेंस्की” मुलाकात भी हो सकती है, जिसमें वे खुद भी शामिल होंगे। अगर वार्ता सफल रहती है, तो अमेरिका और रूस के व्यापारिक संबंध सामान्य हो सकते हैं। उन्होंने भूमि अदला-बदली के आधार पर बड़े समझौते की संभावना भी जताई।

यूरोपीय मोर्चे पर हलचल

जर्मनी ने यूरोपीय नेताओं, नाटो महासचिव और जेलेंस्की के साथ वर्चुअल बैठक बुलाने का एलान किया है, जिसमें ट्रंप के शामिल होने की संभावना है। इसका उद्देश्य रूस पर दबाव बढ़ाना और भविष्य की शांति वार्ताओं की तैयारी करना है।

पुतिन की शर्तें और 44 महीने का संघर्ष

रूसी राष्ट्रपति पुतिन चाहते हैं कि फरवरी 2022 से अब तक कब्जे में आए सभी क्षेत्र रूस के पास बने रहें और यूक्रेन नाटो में शामिल न हो। दूसरी ओर, जेलेंस्की इन शर्तों को मानने से इनकार कर रहे हैं। यूरोपीय देशों को आशंका है कि ट्रंप की मौजूदगी में वार्ता रूस के पक्ष में झुक सकती है, खासकर अगर यूक्रेन को पर्याप्त भूमिका न मिले।
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