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पीएम मोदी से बात करने चाहते थे ट्रम्प, 4 बार किया फोन पर नहीं मिला जवाब

जर्मन न्यूज पेपर Frankfurter Allgemeine में छपी खबर के मुताबिक पीएम मोदी का ये रवैया दर्शाता है कि अमेरिकी टैरिफ के बाद से नई दिल्ली में किस कदर गुस्सा है।

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Shailendra Gautam
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Photograph: (flle)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः टैरिफ वार के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की कोशिश की थी। लेकिन मोदी ने उनका फोन रिसीव तक नहीं किया। एक जर्मन न्यूज पेपर का कहना है कि ट्रम्प ने मोदी को चार बार फोन किया था पर पीएम मोदी ने उनसे बात करने की कोई इच्छा नहीं दिखाई। 

Frankfurter Allgemeine में छपी खबर के मुताबिक पीएम मोदी का ये रवैया दर्शाता है कि अमेरिकी टैरिफ के बाद से नई दिल्ली में किस कदर गुस्सा है। बर्लिन स्थित ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के सह-संस्थापक और निदेशक थोरस्टन बेनर ने समाचार पत्र की रिपोर्ट की एक प्रति साझा करते हुए एक्स पर लिखा- एफएजेड का दावा है कि ट्रम्प ने हाल के सप्ताहों में मोदी को चार बार फोन करने की कोशिश की, लेकिन मोदी ने फोन रिसीव करने से इनकार कर दिया।

भारत नाराज पर सावधानी भी बरत रहा

एफएजेड का मतलब है Frankfurter Allgemeine Zeitung। जर्मन में Zeitung का मतलब न्यूजपेपर होता है। अखबार का कहना है कि इस घटना में हैरान करने वाली बात ये है कि ट्रम्प लगातार मोदी से बात करने की कोशिशें करते रहे। अखबार का कहना है कि भारत नाराज तो है पर सावधानी भी बरत रहा है। 

वियतनाम की घटना को लेकर मोदी अलर्ट

एफएजेड ने इस सावधानी के पीछे का कारण बताया। अखबार का कहना है कि ट्रम्प ने इससे पहले अमेरिका और वियतनाम के बीच एक व्यापार समझौते पर महासचिव टो लैम के साथ एक फोन काल के दौरान फिर से बातचीत की थी। किसी समझौते पर पहुंचे बिना ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर ऐलान कर दिया कि एक व्यापार समझौता हो गया है। एफएजेड ने कहा कि मोदी उसी जाल में नहीं फंसना चाहते।

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न्यूयॉर्क के न्यू स्कूल में भारत-चीन संस्थान के सह-निदेशक मार्क फ्रेजियर कहते हैं कि अमेरिका का पैंतरा काम नहीं कर रहा है। इंडो-पैसिफिक पैक्ट को लेकर अमेरिकी प्लानिंग ध्वस्त हो रही है। अमेरिका चाहता है कि भारत अमेरिका के जरिये चीन को नियंत्रित करने में अहम भूमिका अदा करे। फ्रेजियर के अनुसार भारत का कभी भी चीन के खिलाफ अमेरिका का साथ देने का इरादा नहीं था।

टैरिफ के साथ पाकिस्तान से अमेरिकी नजदीकी से भारत नाराज

एफएजेड ने यह भी बताया कि भारत ट्रम्प को हर तरह की सहूलियत दे रहा था। उनके रियल एस्टेट बिजनेस को फलने फूलने दिया गया। दिल्ली के पास ट्रम्प की कंपनी ने उनके नाम से आलीशान टावर बनाए हैं। बारह मिलियन यूरो तक की कीमत वाले 300 अपार्टमेंट मई के मध्य में एक ही दिन में बिक गए। लेकिन जब ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने ही भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष में सीज फायर करवाया था तो भारत में रोष फैल गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रम्प की यह घोषणा कि वो पाकिस्तान के साथ मिलकर वहां के तेल भंडार विकसित करेंगे, इससे भी स्थिति और खराब हुई। पाकिस्तान को लेकर भारत की नाराजगी किसी से छिपी नहीं है। अमेरिकी कदम भारत को नाराज कर गया। 

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