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Donald Trump ने Afghanistan से Bagram air base की वापसी की मांग करते हुए Taliban को दी खुली धमकी। क्या यह US की विदेश नीति में एक नया मोड़ है? | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयानों से दुनिया भर में हलचल मचा दी है। उन्होंने अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस वापस करने की मांग करते हुए तालिबान को खुली धमकी दी है। ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि तालिबान ने उनकी मांग नहीं मानी, तो इसके "बहुत बुरे अंजाम" होंगे।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट के जरिए खुली धमकी दी है। ट्रंप की यह धमकी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी वापसी के बाद से एक नई विदेश नीति पर काम कर रहा है। ट्रंप ने अपने बयान में बगराम एयरबेस के रणनीतिक महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "चीन इसे हथियाने की कोशिश कर रहा है।"
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि "हमने अफगानिस्तान में इतना पैसा और जीवन गंवा दिया और हमने उस एयरबेस को बिना किसी शर्त के छोड़ दिया।" ट्रंप ने जोर देकर कहा कि बगराम एयरबेस को कभी नहीं छोड़ा जाना चाहिए था, क्योंकि यह पाकिस्तान, चीन और रूस के करीब स्थित है और इसका रणनीतिक महत्व बहुत अधिक है।
क्यों महत्वपूर्ण है बगराम एयरबेस?
बगराम एयरबेस सिर्फ एक हवाई अड्डा नहीं है बल्कि यह अफगानिस्तान में अमेरिका के 20 साल के सैन्य अभियान का केंद्र रहा है। यह काबुल से करीब 60 किलोमीटर उत्तर में स्थित है और इसे अमेरिका का "सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना" माना जाता था।
अमेरिकी सेना ने 2021 में इस एयरबेस को अचानक खाली कर दिया था, जिसके बाद तालिबान ने इस पर नियंत्रण कर लिया था।
सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि बगराम एयरबेस का भौगोलिक स्थान इसे एक महत्वपूर्ण सामरिक संपत्ति बनाता है। यह मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के बीच एक पुल का काम करता है और चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के लिए भी एक संभावित खतरा हो सकता है।
ट्रंप का यह बयान इस बात का संकेत देता है कि वह अमेरिका की विदेश नीति में इस क्षेत्र के महत्व को फिर से स्थापित करना चाहते हैं। ट्रंप के बयान के संभावित प्रभाव ट्रंप का यह बयान अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकता है।
तालिबान ने अमेरिका की वापसी के बाद से अपनी संप्रभुता का दावा किया है और ट्रंप की मांग को वे अपनी संप्रभुता पर हमला मान सकते हैं। इस धमकी से चीन भी चिंतित हो सकता है, क्योंकि ट्रंप ने सीधे तौर पर चीन पर बगराम एयरबेस को हथियाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
चीन ने अफगानिस्तान में अपनी आर्थिक और रणनीतिक पैठ बढ़ाने की कोशिश की है और बगराम एयरबेस पर उसकी नजर हो सकती है।
व्हाइट हाउस की चुप्पी और विशेषज्ञों की राय
ट्रंप के इस बयान पर व्हाइट हाउस ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, कई विदेश नीति विश्लेषकों ने इस बयान को अमेरिका की विदेश नीति के लिए जोखिम भरा बताया है।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि बगराम को फिर से हासिल करने का प्रयास एक खतरनाक और अव्यवहारिक कदम होगा, जो अमेरिका को अफगानिस्तान में फिर से उलझा सकता है। यह बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी चिंता पैदा कर सकता है जो अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाने की कोशिश कर रहा है।
कुल मिलाकर, ट्रंप का यह बयान अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक नया मोड़ ला सकता है। यह न केवल तालिबान और अमेरिका के बीच तनाव को बढ़ा सकता है, बल्कि चीन और रूस जैसे बड़े खिलाड़ियों को भी इस क्षेत्र में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है।
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