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पुतिन से मिलने से पहले ट्रम्प का फोन, क्या बोले US प्रेसीडेंट

इस कॉल का उद्देश्य अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी आमने-सामने की बैठक से पहले यूक्रेन युद्ध पर उनके रुख को एक समान बनाना था।

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Shailendra Gautam
Trump phone call

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कःसबसे प्रतीक्षित बैठकों में से एक की पूर्व संध्या पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोप के कुछ सबसे प्रभावशाली नेताओं के साथ एक कॉन्फ्रेंस कॉल की। इस कॉल का उद्देश्य अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी आमने-सामने की बैठक से पहले यूक्रेन युद्ध पर उनके रुख को एक समान बनाना था।

ट्रम्प ने जेलेंस्की, मैक्रों, स्टारमर और मर्ज से की बात

14 अगस्त को हुई इस कॉल में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज शामिल हुए। रूस-यूक्रेन युद्ध अब अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर रहा है, इसलिए मौका इससे ज़्यादा अहम नहीं हो सकता। सूत्रों का कहना है कि व्हाइट हाउस ने एक विवादास्पद विचार प्रस्तावित किया है जिसके तहत यूक्रेन युद्धविराम के बदले में डोनबास क्षेत्र मास्को को सौंप देगा। एक ऐसा विचार जिसे जेलेंस्की पहले ही सिरे से खारिज कर चुके हैं।

सभी ने नतीजे में यूरोप की हिस्सेदारी पर जोर दिया

कॉल के दौरान यूरोपीय नेताओं ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी। स्टारमर ने ट्रम्प से कहा- सीमाओं को बलपूर्वक नहीं बदला जाना चाहिए और यूक्रेन के पास विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी होनी चाहिए। मैक्रों भी उतने ही दृढ़ थे। उन्होंने चेतावनी दी- यूक्रेन की सहमति के बिना जमीन की कोई अदला-बदली नहीं। मर्ज ने पुतिन से मिलने से पहले ट्रम्प पर अपना रुख स्पष्ट करने का दबाव डाला, जिससे बर्लिन की किसी भी समयपूर्व रियायत पर बेचैनी का संकेत मिला। मैक्रों ने इस बात का स्वागत किया कि वाशिंगटन और मॉस्को सीधे बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस नतीजे में यूरोप की हिस्सेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा- युद्ध भले ही यूक्रेन में हो, लेकिन इसके परिणाम पूरे यूरोप को प्रभावित करेंगे। इस महाद्वीप को इस मंच पर अपनी बात रखने की जरूरत है। 

जेलेंस्की ने रूस की विश्वसनीयता पर उठाया सवाल

जेलेंस्की का संदेश और भी तीखा था। यूक्रेनी नेता ने बातचीत के बाद घोषणा की कि पुतिन झूठ बोल रहे हैं। वह शांति नहीं चाहते। वह आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने अपनी शर्तें बताईं, जिसमें तत्काल युद्धविराम, बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा गारंटी और अगर मास्को इसका पालन करने से इनकार करता है तो उस पर कड़े प्रतिबंध। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने जर्मनी, यूरोपीय संघ, नाटो और ट्रम्प के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया, लेकिन एक जानी-पहचानी बात दोहराई- यूक्रेन के बारे में कोई भी फैसला यूक्रेन के बिना नहीं हो सकता। 

सारे बोले- स्थायी शांति की दिशा में एकजुट

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14 अगस्त की बातचीत यूरोप और अमेरिका के नेताओं के बीच एक व्यापक सहमति के साथ संपन्न हुई कि वे यूक्रेन के लिए न्यायसंगत और स्थायी शांति की दिशा में एकजुट हैं। हालांकि, उस शांति का मार्ग अभी भी बेहद अनिश्चित है। अलास्का में कल होने वाला शिखर सम्मेलन वर्षों में किसी अमेरिकी और रूसी राष्ट्रपति के बीच पहली आमने-सामने की बैठक है और यह निर्णायक साबित हो सकती है। देखना होगा कि ट्रम्प यूरोप की एकजुट स्थिति लेकर बैठक में आते हैं या यूक्रेनी संकल्प की परीक्षा लेने वाला कोई समझौता करते हैं।

जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, सवाल उठ रहे हैं। क्या पुतिन सचमुच शांति के लिए तैयार हैं? कल इसी समय तक, दुनिया को इसके पहले संकेत मिल सकते हैं।

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