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विदेशी कारों पर ट्रंप के टैरिफ अटैक से दुनियाभर में खलबली, भारत पर क्या होगा इसका असर?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑटो आयात पर भारी टैरिफ की घोषणा की है। व्हाइट हाउस ने जानकारी दी कि ट्रंप ने विदेशी निर्मित वाहनों पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की है। दो अप्रैल से फार्मास्यूटिकल्स उद्योग पर भी ट्रैरिफ लागू होने की संभावना है।

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Mukesh Pandit
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

America Tariff Warअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑटो आयात पर भारी टैरिफ की घोषणा की है। व्हाइट हाउस ने जानकारी दी कि ट्रंप ने विदेशी निर्मित वाहनों पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की है। वहीं, ट्रंप के इस नए कदम से ऑटो सेक्टर में नई सनसनी मच सकती है क्यों एक नजर डालते हैं ट्रंप के इस कदम से दुनियाभर में व्यापारिक साझेदारों के बीच कैसा तनाव को बढ़ने वाला है। भारत भी इससे प्रभावित होगा, क्योंकि दो अप्रैल से फार्मास्यूटिकल्स उद्योग पर भी ट्रैरिफ लागू होने की संभावना है, भारत दवाओं का बड़ा और प्रमुख निर्यातक है।

2 अप्रैल से प्रभावी होगा यह टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि हम जो करने जा रहे हैं, वह उन सभी कारों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाना है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में नहीं बनी हैं। यदि वे अमेरिका में बनी हैं, तो उन पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा। यह कदम 2 अप्रैल से प्रभावी होगा और विदेशी निर्मित कारों और हल्के ट्रकों पर मौजूदा टैरिफ के अलावा प्रभाव डालेगा। चीन और मैक्सिको से आयात पर भी शुल्क लगाया गया है।

कनाडा व चीन से पहले ही टैरिफ की चपेट में

राष्ट्रपति पद संभलने के बाद ही पर लौटने के बाद से ट्रंप ने पहले ही प्रमुख अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों कनाडा, मैक्सिको और चीन से आयात पर टैरिफ लगा दिया था। ट्रंप ने स्टील और एल्यूमीनियम आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क भी लगाया है। अतिरिक्त शुल्क नीति अनिश्चितता और पहले के शुल्कों की लहरों से जूझ रहे व्यवसायों के लिए एक और झटका होगा, इसके संबंध में अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी थी कि इससे उत्पादकों की लागत बढ़ सकती है। यदि कंपनियां उन्हें वहन करने में असमर्थ हैं, तो ये लागत अंततः उपभोक्ताओं पर डाली जा सकती है।

शेयरों में गिरावट

ट्रंपके इस कदमसे प्रमुख वाहन निर्माता फोर्ड के शेयरों में 1.8 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि जनरल मोटर्स के शेयरों में 1.9 प्रतिशत की गिरावट आई। ऑटोमोबाइल उद्योग के अलावा, ट्रम्प फार्मास्यूटिकल्स और सेमीकंडक्टर जैसे उद्योगों पर व्यापक क्षेत्र-विशिष्ट टैरिफ लगाने पर भी नजर रख रहे हैं।
विदेशी निर्मित वाहनों पर 25% टैरिफ से अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए आयातित कारों की कीमतें बढ़ जाएंगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि औसत कार की कीमत में 3,000 से 12,000 डॉलर तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इससे सस्ती कारों की उपलब्धता कम हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो मैक्सिको या कनाडा से आयातित वाहनों पर निर्भर हैं।

मंदी आने की आशंका

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बुधवार को ऑटो पर की गई घोषणा दो अप्रैल से पहले की गई है, जिसे ट्रंप ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए "मुक्ति दिवस" ​​करार दिया है। ट्रंप की व्यापार योजनाओं पर अनिश्चितता तथा इससे मंदी आने की आशंका ने वित्तीय बाजारों को हिलाकर रख दिया है, तथा टैरिफ के प्रभावों की आशंकाओं के कारण हाल के महीनों में उपभोक्ताओं का विश्वास भी गिरा है।

क्यों लगा रहा है अमेरिका ट्रैरिफ

यह टैरिफ विदेशी वाहनों को महंगा कर देगा, जिससे अमेरिका में बनी कारों की मांग बढ़ सकती है। इससे स्थानीय ऑटो कंपनियों जैसे जनरल मोटर्स, फोर्ड और टेस्ला को फायदा हो सकता है, खासकर उन कंपनियों को जो पहले से ही अमेरिका में उत्पादन करती हैं। इससे अमेरिकी नौकरियों में वृद्धि और विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिल सकता है।

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