Advertisment

US-China टैरिफ वॉर: ट्रंप ने फोड़ा 'इकोनॉमिक न्यूक्लियर बम' चीनी करेंसी धड़ाम, क्या ड्रैगन करेगा जवाबी हमला ?

अमेरिका ने चीन से आयात पर 125% टैरिफ लगाकर ट्रेड वॉर को नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंचा दिया है, जिससे चीनी करेंसी युआन साल के निचले स्तर पर आ गई है। क्या ड्रैगन करेगा जवाबी हमला ?

author-image
Ajit Kumar Pandey
TRUMP TARRIF WAR

TRUMP TARRIF WAR

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर ने एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी आयात पर 125% का भीषण टैरिफ लगाकर एक तरह से "इकोनॉमिक वॉर" की घोषणा कर दी है। इसका सीधा असर चीन की करेंसी युआन पर पड़ा है, जो 18 साल के निचले स्तर पर आ गई है। अब सवाल यह है कि क्या यह टैरिफ वॉर वैश्विक मंदी (Global Recession) को ट्रिगर कर देगा? या फिर चीन कोई ऐसा जवाबी हमला करेगा, जिससे अमेरिकी बाजारों में भूचाल आ जाए?

america tariff | china news today | इस स्टोरी में हम US-China टैरिफ वॉर के गहरे राज, युआन के गिरने के पीछे की साजिश, और इसके भारत समेत दुनिया पर पड़ने वाले प्रभाव को डिटेल में समझेंगे।

1. ट्रंप का '125% टैरिफ बम' – क्या है पूरा मामला?

बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम उत्पादों पर 125% का टैरिफ लगाने का ऐलान किया। यह टैरिफ सीधे तौर पर चीन की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री पर निशाना साधता है, जो अमेरिका को सस्ते दामों पर सामान बेचकर ट्रेड सरप्लस कमाती है।

क्यों बढ़ाया गया टैरिफ?

  • अमेरिका का आरोप है कि चीन करेंसी मैनिपुलेशन (Currency Manipulation) करके अपने एक्सपोर्ट को सस्ता बना रहा है।
  • चीन की कंपनियों को सरकारी सब्सिडी मिलती है, जिससे वे डंपिंग (Dumping) करके वैश्विक बाजारों में छा जाती हैं।
  • अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट चीन के साथ $375 बिलियन तक पहुंच चुका है, जिसे ट्रंप कम करना चाहते हैं।
Advertisment

चीन ने क्या जवाब दिया?

  • चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों (सोयाबीन, मक्का) और ऑटोमोबाइल्स पर 84% टैरिफ लगाकर जवाबी हमला किया।
  • चीनी सरकार ने युआन को जानबूझकर कमजोर किया, ताकि उनके एक्सपोर्ट्स प्रतिस्पर्धी बने रहें।
  • अब चीन अमेरिकी टेक कंपनियों (Apple, Google, Intel) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है।

2. युआन का ऐतिहासिक गिरावा – क्या चीन ने खुद कमजोर की अपनी करेंसी?

चीन की करेंसी युआन (CNY) 18 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। 1 USD = 7.25 युआन के स्तर को छूने के बाद वैश्विक बाजारों में हड़कंप मच गया। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह गिरावट अमेरिकी टैरिफ का नतीजा है या फिर चीन की सोची-समझी रणनीति?

क्यों गिर रही है युआन?

टैरिफ का डर: अमेरिका के 125% टैरिफ से चीनी निर्यात महंगा होगा, जिससे मांग कम होगी और युआन कमजोर।

Advertisment

करेंसी वॉर की आशंका: चीन ने जानबूझकर युआन को कमजोर किया, ताकि उसके सामान वैश्विक बाजारों में सस्ते बने रहें।

इकोनॉमिक स्लोडाउन: चीन की GDP ग्रोथ 5% से नीचे आ गई है, जिससे निवेशक भाग रहे हैं।

क्या होगा अगर युआन और गिरा?

  • वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल: युआन के गिरने से भारतीय रुपया, जापानी येन और यूरो पर दबाव बढ़ेगा।
  • भारत को फायदा या नुकसान? चीनी सामान सस्ता होगा, लेकिन भारतीय निर्यात प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकता है।
  • गोल्ड और क्रिप्टो को बढ़ावा: निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोना और बिटकॉइन की ओर भाग सकते हैं।
Advertisment

3. क्या यह टैरिफ वॉर वैश्विक मंदी (Global Recession) लाएगा?

अमेरिका और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी इकोनॉमी हैं, और उनके बीच ट्रेड वॉर का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। IMF ने चेतावनी दी है कि अगर यह टैरिफ वॉर जारी रहा, तो 2024 तक वैश्विक GDP ग्रोथ 0.5% तक गिर सकती है।

किन देशों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा?

जर्मनी और जापान: ये देश चीन और अमेरिका दोनों को एक्सपोर्ट करते हैं।

भारत: अगर चीनी सामान सस्ता होगा, तो "मेक इन इंडिया" को झटका लगेगा।

ब्राजील और रूस: कच्चे माल (कॉपर, आयरन, सोयाबीन) की कीमतें गिरेंगी।

china news today china america tariff US
Advertisment
Advertisment