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Pro John Mearsheimer
वाशिंगटन, आईएएनएस। भारत के प्रति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूख और 50 प्रतिशत टैरिफ थोपे जाने का अमेरिका में ही भारी विरोध शुरू हो गया है। एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ और शिकागो विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर जॉन मियर्सहाइमर ने ट्रंप प्रशासन की 'भारत नीति' को एक 'भारी भूल' करार दिया है। उन्होंने कहा है कि रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाना अन्यायपूर्ण और अदूरदर्शी कदम है।
धमकियो के आगे भारत झुकने वाला नहीं है
पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म 'डैनियल डेविस डीप डाइव' में चर्चा करते हुए कहा, "यह हमारी ओर से एक बहुत बड़ी भूल है। यकीन करना मुश्किल है, लेकिन यहां क्या हो रहा है? ये अतिरिक्त टैरिफ भारत के साथ काम नहीं करेंगे। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वे रूस से तेल का आयात बंद नहीं करेंगे। भारतीय झुकने वाले नहीं हैं।" उन्होंने ट्रंप पर भारत के साथ 'शानदार' संबंधों को 'विषाक्तपूर्ण' करने का भी आरोप लगाया।
चीन को नियंत्रित करना अमेरिका का मिशन
प्रो जॉन मियर्सहाइमरकहा, "जब ट्रंप पिछले जनवरी में व्हाइट हाउस में आए, तो अमेरिका और भारत के बीच संबंध वाकई बहुत अच्छे थे, और चीन को नियंत्रित करने के लिए, जो कि हमारी विदेश नीति का प्रमुख मिशन है, भारत के साथ अच्छे संबंध होना जरूरी है। लेकिन, तब से और अब इन अतिरिक्त प्रतिबंधों के साथ जो हुआ है, वह यह है कि हमने भारत के साथ संबंधों को 'जहरीला' कर दिया है।" उन्होंने हाल ही में एक जर्मन अखबार की रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चार अलग-अलग मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करने की असफल कोशिश की थी।
भारत नहीं चाहता अमेरिका से वार्ता
उनके मुताबिक, "भारतीय हमसे बहुत नाराज हैं, लगभग पूरी तरह से। ट्रंप ने पीएम मोदी को चार बार फोन करने की कोशिश की और उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। इसके अलावा, भारत चीन और रूस के करीब जा रहा है। यह न सिर्फ कारगर है, बल्कि वास्तव में नुकसानदेह भी है। फिर भी, हम यहीं हैं। उन्होंने व्यापार और विनिर्माण पर व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नवारो ने ऐसी असफल रणनीति का नेतृत्व किया, जिसका कोई 'सुखद अंत' नहीं है।
पीटर नवारो की आलोचना
उन्होंने कहा, "पीटर नवारो जैसे लोगों को छोड़कर, कोई भी इस कदम की सराहना नहीं कर रहा है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इसका सुखद अंत कैसे हो सकता है? क्या वे यह तर्क देंगे कि भारत झुकने वाला है या भारत पर इतना दबाव है कि हम भारतीयों को घुटने टेकने पर मजबूर कर सकते हैं? क्या यही तर्क है? मैं ऐसा किसी को नहीं जानता, जो ऐसा मानता हो, और भारत ने अब तक जो कुछ भी किया है, उससे यही लगता है कि यह तर्क गलत है।": US India trade relations | Donald Trump India Policy | donald trump inauguration | donald trump oath