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B-2 Bomber: क्या है बी-2 स्टील्थ बॉम्बर? जिससे अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह किया

हमले के लिए छह बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया गया, जिससे फोर्डो में मौजूद ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकाने को तबाह किया गया। वहीं नतांज और इस्फहान पर हमले के लिए 30 टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। 

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Mukesh Pandit
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B-2 Bomber
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अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है। अमेरिका के इस कदम से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मे बताया कि ईरान के परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमले के लिए बी-2 स्टील्थ बॉम्बर का इस्तेमाल किया गया। ट्रंप ने बताया कि फोर्डो पर हमले के लिए छह बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया गया, जिससे फोर्डो में मौजूद ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकाने को तबाह किया गया। वहीं नतांज और इस्फहान पर हमले के लिए 30 टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। 

घातक रणनीतिक बमवर्षक विमान

बी-2 स्टील्थ बॉम्बर, जिसे बी-2 स्पिरिट के नाम से भी जाना जाता है, अमेरिकी वायुसेना का एक अत्याधुनिक और घातक रणनीतिक बमवर्षक विमान है। इसे नॉर्थरॉप ग्रुमैन कंपनी ने डिजाइन और निर्मित किया है। यह विमान अपनी स्टील्थ तकनीक, लंबी उड़ान रेंज और भारी हथियार ले जाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। 1989 में अपनी पहली उड़ान के बाद से, यह अमेरिकी सैन्य शक्ति का प्रतीक रहा है और दुनिया के सबसे महंगे लड़ाकू विमानों में से एक है, जिसकी कीमत लगभग 2.1 बिलियन डॉलर प्रति विमान है। हाल के समाचारों के अनुसार, अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर हमले के लिए बी-2 बॉम्बर का इस्तेमाल किया, जिससे इन ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा।

रडार भी नहीं पकड़ सकता

बी-2 की सबसे बड़ी खासियत इसकी स्टील्थ तकनीक है। इसका "फ्लाइंग विंग" डिजाइन और रडार-अवशोषित सामग्री इसे रडार की पकड़ से लगभग अदृश्य बनाती है। रडार पर यह विमान एक छोटे पक्षी जितना ही दिखाई देता है, जिससे दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों को इसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। यह विमान 12 किलोमीटर की ऊंचाई से उड़ान भर सकता है और बिना ईंधन भरे 9,600 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। हवा में ईंधन भरने की क्षमता के साथ, यह दुनिया के किसी भी हिस्से में मिशन को अंजाम दे सकता है।

बी-2 बॉम्बर 18 टन तक का पेलोड ले जा सकता है

बी-2 बॉम्बर 18 टन तक का पेलोड ले जा सकता है, जिसमें पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार शामिल हैं। यह विशेष रूप से जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) जैसे बंकर-बस्टर बम ले जाने में सक्षम है। यह बम 13,600 किलोग्राम वजनी है और 60 मीटर तक कंक्रीट या चट्टान को भेद सकता है, जो इसे ईरान के फोर्डो जैसे गहरे भूमिगत परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए आदर्श बनाता है। इसके अलावा, यह 16 बी83 परमाणु बम या टॉमहॉक मिसाइलें भी ले जा सकता है। जीपीएस-आधारित मार्गदर्शन प्रणाली इसे सटीक निशाना लगाने में सक्षम बनाती है।

ईरान पर हमले में बी-2 बॉम्बर का इस्तेमाल किया

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अमेरिका ने ईरान पर हमले में बी-2 बॉम्बर का इस्तेमाल किया, जिसमें फोर्डो पर छह बंकर-बस्टर बम और नतांज व इस्फहान पर 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं। यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में हुआ, जिन्होंने दावा किया कि यह मिशन पूरी तरह सफल रहा और अमेरिकी विमान सुरक्षित वापस लौट आए। बी-2 की तैनाती डिएगो गार्सिया और गुआम जैसे रणनीतिक ठिकानों से की गई थी।

वर्तमान में, अमेरिकी वायुसेना के पास 19 ऑपरेशनल बी-2 बॉम्बर हैं, जो मिसूरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस पर तैनात हैं। इस विमान का इस्तेमाल पहले कोसोवो, इराक, अफगानिस्तान और लीबिया जैसे युद्धों में किया जा चुका है। ईरान के परमाणु ठिकानों पर हालिया हमला बी-2 की रणनीतिक महत्ता को और रेखांकित करता है। america | america news | iran israel war | Iran Israel war explained | iran israel | Iran Israel Conflict | Iran Israel conflict 2025 n

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