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भारत को चीन से दूर रखना पहली प्राथमिकता : ट्रंप के चुने हुए राजदूत का बड़ा बयान

अमेरिका के भारत में अगले राजदूत नामित सर्जियो गोर ने कहा है कि ट्रम्प प्रशासन भारत को चीन से दूर खींचना चाहता है। उन्होंने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के जल्द सुलझने का भी भरोसा दिलाया।

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Ajit Kumar Pandey
America ने क्यों कहा 'भारत को चीन से दूर खींचेंगे'? क्या है US की रणनीति? | यंग भारत न्यूज

America ने क्यों कहा 'भारत को चीन से दूर खींचेंगे'? क्या है US की रणनीति? | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।अमरीका के भारत में अगले राजदूत के रूप में नामित सर्जियो गोर का एक बयान इन दिनों सुर्खियों में है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ट्रम्प प्रशासन की पहली प्राथमिकता भारत को चीन से दूर खींचना है। सर्जियो गोर ने सीनेट समिति के सामने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर चल रहे विवाद भी जल्द ही सुलझ जाएंगे। उनके इस बयान ने भारतीय कूटनीति और अमेरिकी रणनीति के नए समीकरणों पर बहस छेड़ दी है।

टाइम्स आफ इंडिया के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत में नए राजदूत के रूप में नामित सर्जियो गोर ने सीनेट की विदेश संबंध समिति में सुनवाई के दौरान कहा कि ट्रम्प प्रशासन की सबसे बड़ी प्राथमिकता भारत को चीन से दूर खींचना है। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार से जुड़े विवादों के जल्द सुलझने की भी बात कही। 

सर्जियो गोर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे दौर से गुज़र रहे हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारी लगातार बढ़ रही है।

सर्जियो गोर ने कहा, "भले ही अभी हमारे (भारत-अमेरिका) बीच कुछ दिक्कतें हैं, लेकिन हम उन्हें सुलझाने की राह पर हैं। भारत सरकार और लोगों के साथ हमारा रिश्ता कई दशकों पुराना है, और यह चीन के मुकाबले कहीं ज़्यादा गर्मजोशी भरा है।"

चीन की विस्तारवादी नीति और भारत का महत्व

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सर्जियो गोर ने चीन की आक्रामक नीतियों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि चीन सिर्फ़ भारत की सीमा पर ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में अपनी विस्तारवादी नीति अपना रहा है। उनका मानना है कि इस स्थिति में भारत को अपनी ओर खींचना अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। सर्जियो गोर ने साफ तौर पर कहा, "हम इसे अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता बनाएंगे कि भारत को अपनी तरफ खींचा जाए और उन्हें (चीन से) दूर किया जाए।"

रूसी तेल पर अमेरिका की ‘क्रिस्टल क्लियर’ राय

जब सर्जियो गोर से भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद पर सवाल किया गया तो उन्होंने ट्रम्प का रुख साफ कर दिया। सर्जियो गोर ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रम्प ने यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि भारत को रूसी तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए।"

इसके साथ ही सर्जियो गोर ने ब्रिक्स में भारत की भूमिका की भी तारीफ़ की। उन्होंने बताया कि ब्रिक्स के कई देश सालों से अमेरिकी डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारत इसमें एक 'स्टॉपगैप' (रुकावट) रहा है। 

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उन्होंने कहा कि भारत ब्रिक्स के अन्य देशों की तुलना में अमेरिका के साथ जुड़ने के लिए कहीं ज़्यादा तैयार और खुला है। यह बयान भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता को दर्शाता है, जहां वह अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखता है, फिर चाहे वह रूस से तेल खरीदना हो या फिर अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध बनाना।

सर्जियो गोर ने प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच के संबंधों को भी अनोखा बताया। उन्होंने कहा कि ट्रम्प जब दूसरे देशों के नेताओं की आलोचना करते हैं, तो वह उन्हें सीधे निशाने पर लेते हैं। लेकिन जब बात भारत की आती है, तो वह मोदी की तारीफ़ करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। यह दोनों नेताओं के बीच एक गहरी दोस्ती का संकेत है, जो दोनों देशों के संबंधों को और भी मज़बूत कर सकती है।

सर्जियो गोर ने 'मिशन 500' का भी ज़िक्र किया जो ट्रम्प का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। इसके तहत दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक $500 बिलियन तक यानि दोगुना करने की योजना है।

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इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अमेरिका चाहता है कि भारत अपने बाज़ारों को अमेरिकी कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पादों और एलएनजी के लिए खोले। सर्जियो गोर ने यह भी बताया कि भारत का मध्य वर्ग अमेरिका की पूरी आबादी से भी बड़ा है, जो अमेरिकी कंपनियों के लिए एक बड़ा बाज़ार है।

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