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Photograph: (IANS)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बड़ा दावा करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि उनके देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में यूक्रेनी सैनिकों को रूसी सेना के साथ लड़ रहे विदेशी भाड़े के सैनिकों (Mercenaries) का सामना करना पड़ रहा है। जेलेंस्की ने इन भाड़े के सैनिकों में चीन, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और अफ्रीकी देशों के नागरिकों के शामिल होने की बात कही है। उन्होंने साफ कहा है कि यूक्रेन इस पर कड़ा जवाब देगा।
फ्रंटलाइन दौरे के बाद जेलेंस्की का बयान
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यह बयान खार्किव के फ्रंटलाइन क्षेत्र का दौरा करने के बाद दिया। वहां उन्होंने 57वीं सेपरेट मोटराइज्ड इन्फैंट्री ब्रिगेड के जवानों और कमांडरों से मुलाकात की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- हमने ववचान्स्क की रक्षा, युद्ध की स्थिति और ताजा हालातों पर चर्चा की। हमारे सैनिकों ने बताया कि इस क्षेत्र में चीन, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और अफ्रीकी देशों से आए मर्सिनरीज सक्रिय हैं।
पहले भी लगाए जा चुके हैं ऐसे आरोप
यह पहली बार नहीं है जब जेलेंस्की ने रूस पर विदेशी लड़ाकों को युद्ध में उतारने का आरोप लगाया हो। इस साल की शुरुआत में भी उन्होंने दावा किया था कि रूस ने 100 से अधिक चीनी लड़ाकों को यूक्रेन में तैनात किया है, जिनमें से दो को डोनेट्स्क क्षेत्र में पकड़ा भी गया था। उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया था जिसमें कथित तौर पर दो चीनी लड़ाकों की पूछताछ और उनके पासपोर्ट की तस्वीरें थीं। हालांकि चीन ने इन दावों को "बेसिर-पैर का" कहकर खारिज कर दिया था।
यूक्रेनी खुफिया एजेंसियों का दावा
यूक्रेनी खुफिया सूत्रों के मुताबिक रूस की प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों जैसे वैगनर ग्रुप या रक्षा मंत्रालय से जुड़ी नई सैन्य इकाइयों के ज़रिए इन विदेशी भाड़े के सैनिकों की भर्ती की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, ये कंपनियां आर्थिक रूप से कमजोर और राजनीतिक रूप से अस्थिर क्षेत्रों, खासतौर पर एशिया और अफ्रीका से लड़ाकों की भर्ती करती हैं। यूक्रेनी सैन्य अफसरों का दावा है कि युद्ध के मैदान से जब्त किए गए दस्तावेज इन विदेशी लड़ाकों की मौजूदगी की पुष्टि करते हैं।
अब तक किसी देश ने नहीं दी प्रतिक्रिया
रॉयटर्स ने इस मामले में ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान के दूतावासों से संपर्क किया, लेकिन अब तक किसी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। रूस की ओर से भी फिलहाल जेलेंस्की के इन दावों पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया गया है।
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