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IPL Playoffs : दिग्गज टीमों की हालत पतली, गुजरात और दिल्ली सबसे मजबूत दावेदार

आईपीएल 2025 अपने आधे सफर की ओर बढ़ रहा है और 30  मुकाबलों के बाद लीग की तस्वीर धीरे-धीरे साफ़ होती जा रही है। इस बार की अंकतालिका कुछ चौंकाने वाले संकेत दे रही है।

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Suraj Kumar
IPL Playoffs
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क: आईपीएल 2025 अपने आधे सफर की ओर बढ़ रहा है और 30  मुकाबलों के बाद लीग की तस्वीर धीरे-धीरे साफ़ होती जा रही है। इस बार की अंकतालिका कुछ चौंकाने वाले संकेत दे रही है। जहां बीते वर्षों की चैंपियन टीमें संघर्ष कर रही हैं, वहीं नई रणनीतियों और युवा कप्तानों वाली टीमें बाजी मारती नजर आ रही हैं। अब तक के प्रदर्शन के आधार पर गुजरात टाइटन्स पॉइंट्स टेबल में शीर्ष पर है। शुभमन गिल की कप्तानी में गुजरात ने 6 में से 4 मुकाबले जीतकर 8 अंक अर्जित किए हैं। टीम का नेट रन रेट भी पॉजिटिव है। जो उसे टॉप स्थान पर बनाए हुए है।

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दिल्‍ली ने की जबरदस्‍त वापसी

दिल्ली कैपिटल्स ने इस सीजन जबरदस्त वापसी की है। 5 में 4 जीत के साथ वह भी 8 अंकों पर है, लेकिन मैच कम खेले होने की वजह से फिलहाल दूसरे स्थान पर है। वहीं, कोलकाता नाइट राइडर्स 6 , रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर 8 और पंजाब किंग्स, लखनऊ सुपर जायंट्स 6-6 अंकों के साथ प्लेऑफ की रेस में बराबरी पर हैं। हालांकि, इनका क्रम नेट रन रेट के आधार पर तय हो रहा है।

संकट में दिग्गज

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आईपीएल इतिहास की दो सबसे सफल टीमें मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स, और पिछले साल की फाइनलिस्ट सनराइजर्स हैदराबाद इस बार पूरी तरह पटरी से उतरी नजर आ रही हैं। मुंबई और हैदराबाद ने अब तक 4-4 मुकाबले गंवाए हैं। चेन्नई की हालत और भी खराब है 5 मैच हारकर वह सबसे नीचे खिसक चुकी है। 

ऐसे समझें प्लेऑफ का गणित

आईपीएल में हर टीम को लीग चरण में 14 मैच खेलने होते हैं और सामान्यतः प्लेऑफ में पहुंचने के लिए 16 अंकों की जरूरत मानी जाती है, यानी कम से कम 8 जीत। हालांकि कुछ सीजन ऐसे भी रहे हैं जब टीमें 14 या यहां तक कि 12 अंकों पर भी क्वालीफाई कर गईं वो भी नेट रन रेट की मेहरबानी से। जैसे कि 2021 में कोलकाता नाइट राइडर्स और मुंबई इंडियंस दोनों के 14 अंक थे, लेकिन बेहतर रन रेट के कारण केकेआर को टॉप-4 में जगह मिली।

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टॉप ने भी जीत हार में निभाई है भूमिका

पॉइंट्स टेबल में शीर्ष दो में जगह बनाना बेहद अहम होता है क्योंकि इससे टीम को फाइनल में पहुंचने के दो मौके मिलते हैं। क्वालिफायर-1 में टॉप-2 टीमें आमने-सामने होती हैं, और विजेता सीधे फाइनल में पहुंचता है। हारने वाली टीम को एलिमिनेटर के विजेता से क्वालिफायर-2 में भिड़ना होता है, जिससे फाइनल में पहुंचने का दूसरा मौका मिलता है। अगर मौजूदा रुख जारी रहता है, तो गुजरात, दिल्ली, बैंगलोर और केकेआर जैसी टीमें प्लेऑफ की प्रमुख दावेदार बनकर उभर सकती हैं। लेकिन टूर्नामेंट अभी लंबा है, और नेट रन रेट की भूमिका बहुत निर्णायक हो सकती है।

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