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नई दिल्ली,वाईबीएन डेस्क।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय पदक सम्मान समारोह में प्रदेश में पुलिस भर्ती बोर्ड के गठन की घोषणा की। इसके तहत अब पुलिस विभाग में सभी भर्ती इसी बोर्ड के माध्यम से की जाएंगी, जिससे भर्ती प्रक्रिया में तेजी और पारदर्शिता आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पुलिस भर्ती कर्मचारी चयन मंडल द्वारा की जाती है, जिसमें समय अधिक लग जाता है। नए पुलिस भर्ती बोर्ड के गठन से भर्ती प्रक्रिया और अधिक व्यवस्थित और कुशल होगी।
प्रदेश में हर साल होंगी 7500 भर्तियां
डॉ. मोहन यादव ने यह भी बताया कि वर्ष 2025 के लिए स्वीकृत पदों की भर्ती कर्मचारी चयन मंडल द्वारा की जाएगी, लेकिन उसके बाद की सभी भर्तियां पुलिस भर्ती बोर्ड करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस साल प्रदेश में 7,500 रिक्त पदों पर भर्ती की अनुमति दी गई है। कुल मिलाकर पुलिस विभाग में लगभग 22,500 पद खाली हैं, जिन्हें तीन वर्षों में हर साल 7,500 पदों की भर्ती कर भर दिया जाएगा।इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि पुलिस, जेल और नगर सुरक्षा विभागों के शहीदों की विधवाओं और बच्चों को स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए विभिन्न कोर्सों में आरक्षण दिया जाएगा। इसके तहत प्राथमिकता श्रेणियों में एक अतिरिक्त सीट भी आरक्षित की जाएगी।
सुरक्षाकर्मियों को मिलेगा स्पेशल भत्ता
वीवीआईपी मूवमेंट में तैनात सुरक्षाकर्मियों, उप पुलिस अधीक्षकों और उससे ऊपर के अधिकारियों को छठवें वेतनमान के तहत विशेष भत्ता और जोखिम भत्ता दिया जाएगा। इससे सुरक्षा कर्मचारियों को उनकी सेवाओं का उचित सम्मान और प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पुलिस विभाग ने कई चुनौतियों के बीच अपनी जिम्मेदारी निभाई है, इसलिए भर्ती प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए यह कदम जरूरी था। नए पुलिस भर्ती बोर्ड के गठन से भर्ती में पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता सुनिश्चित होगी, जिससे प्रदेश में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा में सुधार होगा। इस योजना से पुलिस विभाग के रिक्त पद जल्द भरने में मदद मिलेगी और साथ ही शहीद परिवारों को भी बेहतर सहायता और सम्मान मिलेगा।