भारत की अर्थव्यवस्था 2024 में G20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी रही है। भारत दुनिया में पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार युवाओं की संख्या के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। भारत इस मामले में जर्मनी और कनाडा जैसे देशों से भी आगे है। सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका ही इस मामले में भारत से आगे है। यह हर देशवासी के लिए गर्व की बात है, लेकिन इसमें कुछ पेंच भी है। जब बात देश की अर्थव्यवस्था को बदलने की आती है, तो भारत का प्रदर्शन खराब है। साथ ही क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स (QS WORLD FUTURE SKILLS INDEX) की रिपोर्ट में भारत आर्थिक विकास के मामले में 40वें और भविष्य की नौकरियों के लिए जरूरी स्किल वाले लोगों के मामले में 37वां स्थान है। इसका मतलब है की भारत के पास युवाओं की एक विशाल सेना है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एनवायरनमेंट जैसे नए सेक्टर्स में काम करने के लिए तैयार हैं लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था अभी इन सेक्टर्स में तेजी से आगे नहीं बढ़ रही है। वहीं, भारत में अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास भविष्य की नौकरियों के लिए जरूरी स्किल नहीं है। ऐसे में क्या देश इन युवाओं को अवसर दे पाएगा?
QS वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स में भारत का स्थान
QS वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के अलग-अलग देश भविष्य की नौकरियों की जरूरतों को कितनी अच्छी तरह पूरा कर पाएगी। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि क्या युवाओं के पास वो स्किल्स हैं जो कंपनियां ढूंढ रही हैं। साथ ही इसमें ये भी जांचा गया है कि शिक्षा व्यवस्था युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए कितना तैयार कर रही है। इसके अलावा तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से कितने नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। भारत को इस मामले में दुनिया में 25वां स्थान मिला है। इस रिपोर्ट में दुनिया के 190 से ज्यादा देशों को शामिल किया गया है।
2030 तक इतने लोग बदलेंगे नौकरी
पल-पल बदलती दुनिया में, नौकरियां भी तेजी से बदल रहीं हैं। रोज नई-नई टेक्नोलॉजी के आने से कई पुरानी नौकरियां जा रहीं हैं। इसी के चलते कई लोगों को अपनी नौकरी बदलनी पड़ रही है और लाखों लोगों को अपनी नौकरी बदलनी पड़ सकती है। क्यूएस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक लगभग 37.5 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी बदलनी पड़ेगी। इसका मतलब है कि उन्हें नए कौशल सीखने होंगे।
युवाओं में कौन से स्किल्स की कमी?
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में कंपनियों को लगता है कि युवाओं में कुछ जरूरी स्किलस की कमी है जो आज की बदलती दुनिया में कामयाबी के लिए बहुत जरूरी हैं। युवाओं में नए विचार लाने, खुद का काम शुरू करने और मुश्किलों का हल निकालने वाले स्किल्स की भारी कमी है। ये समस्या इसलिए है क्योंकि हमारे देश के कॉलेज और विश्वविद्यालय ऐसे कौशल सिखाने में पीछे हैं। कॉलेजों को छात्रों को रचनात्मक सोचना, समस्याएं सुलझाना और खुद का काम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. कॉलेजों को उद्योगों के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि पता चले कि नौकरियों के लिए कौन से कौशल जरूरी हैं।