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सचेंडी में बुआ के घर से लौट रही छात्रा की सड़क हादसे में गई जान, पिता घायल

सचेंडी में बुआ के घर से पिता के साथ अपने गाँव जा रही छात्रा की सड़क हादसे में मौत हो गई। घटना में छात्रा के पिता भी गंभीर रूप से घायल हो गये। घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। 

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Akhilesh Shukla
हादसे में जान गंवाने वाली छात्रा दिव्यांशी और दुखी परिजन।

हादसे में जान गंवाने वाली छात्रा दिव्यांशी और दुखी परिजन। Photograph: (कानपुर वाईबीएन)

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कानपुर, वाईबीएन संवददाता 

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सचेंडी में बुआ के घर से पिता के साथ अपने गाँव जा रही छात्रा की सड़क हादसे में मौत हो गई। घटना में छात्रा के पिता भी गंभीर रूप से घायल हो गये। घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। 

तेज रफ्तार डंपर ने मारी बाइक में टक्कर 

जनपद कानपुर देहात के थाना अकबरपुर क्षेत्र के नरिया गांव निवासी अरविंद कुमार के परिवार में पत्नी सुमन लता और चार बेटी हैं।  छोटी बेटी दिव्यांशी (14)  दो दिन पहले पनकी निवासी अपनी बुआ के घर गई थी। ममेरे भाई आशीष ने बताया कि दिव्यांशी ने बुधवार को पिता को फोन करके कहा कि वह घर आना चाहती है। इसके बाद दिव्यांशी के पिता अरविंद बाइक से उसे लेने गए थे। गुरुवार देर शाम बेटी को लेकर लौट रहे थे। हाईवे पर नायरा पेट्रोल पंप के पास पीछे से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने बाइक में टक्कर मार दी। 

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उछलकर गिरी छात्रा आ गई पहिए के नीचे 

टक्कर लगने से पीछे बैठी दिव्यांशी उछलकर डंपर के पिछले पहिए के नीचे आ गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अरविंद गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद डंपर चालक मौके से भाग निकला। राहगीरों ने 112 नंबर डायल कर घटना की सूचना पुलिस को दी। सचेंडी थाने का फोर्स मौके पर पहुंचा और घायल के पास मिले मोबाइल से घटना की जानकारी परिजनों को दी। 

मौके से भागे डंपर चालक की तलाश 

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थाना प्रभारी सचेंडी दिनेश कुमार बिष्ट ने बताया कि पीड़ित परिवार की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर गाड़ी चालक की तलाश शुरू कर दी गई है। 

बहनें करती रहीं इंतजार,  मिली मौत की सूचना 

आशीष ने बताया कि चारों बहनें आपस में एक दूसरे से बहुत प्यार करती थीं, चारों बहनें एक दूसरे को छोड़कर कहीं नहीं जाती थीं लेकिन दिव्यांशी की बुआ ने उसे कई बार फ़ोन कर आने के लिए कहा था, जिसके बाद वह बुआ के यहां 2 दिन के लिए चली गई थी। सभी बहनें दिव्यांशी के जाने से परेशान थीं। वे उसे रोज फोन करके कहती थीं कि घर कब आ पाओगी। इसी के बाद उसने पिता को फोन करके कहा कि उसे ले जाएं, उसे यहां अच्छा नहीं लग रहा है। दिव्यांशी की मौत की जानकारी मिलते ही सभी बहनें अचेत सी हो गईं। घटना के बाद से उनका रो रोकर बुरा हाल है। 

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