कानपुर, वाईबीएन संवाददाता
बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए अधिवक्ता दीनू उपाध्याय को शनिवार को पुलिस ने जेल भेज दिया। गिरफ्तारी के विरोध में वकीलों द्वारा हंगामा करने की सूचना पर शनिवार की सुबह से कचहरी के आसपास हजारों पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी गई थी।
वकीलों और पुलिस में नोकझोंक
पुलिस कर्मियों ने अपनी मौजूदगी का आभास कराने के लिये कचहरी के आसपास गश्त भी की। वकीलों से कई बार पुलिस की तीखी नोंकझोंक हुई लेकिन पुलिस ने अपने तर्क रखे और इसके बाद रिमांड लेने के बाद पुलिस ने दीनू को जेल भेज दिया।
रात में ही थाने के बाहर एकत्र हुए सैंकड़ों अधिवक्ता
पिंटू सेंगर हत्याकांड में दीनू उपाध्याय की गिरफ्तारी की सूचना पर तमाम अधिवक्ता देर रात ही थाने पहुंच गए औऱ दीनू को जेल जाने से बचाने के अपने प्रयास किये लेकिन पुलिस ने कोहना थाने में वकीलों की भीड़ होने पर दीनू को दूसरे थाने में भेज दिया। अधिवक्ता उस थाने में पहुंचते तो पुलिस दीनू को दूसरे थाने ले गयी और इस बीच पुलिस ने मजिस्ट्रट से दीनू का रिमांड ले लिया।
दीनू को पैदल ही ले जाकर जेल में दाखिल कराया
शनिवार को कचहरी में अवकाश था। इसके बाद भी पुलिस को सूचना मिली की कई वकील कचहरी के पास जमा होकर अधिवक्ता की गिरफ्तारी का विरोध कर सकते हैं। इसके चलते सुबह ग्यारह बजे के पहले ही पुलिस ने दीनू को पैदल ही ले जाकर जेल में दाखिल कर दिया।
अब मंगलवार को हो सकती है अधिवक्ता की जमानत पर सुनवाई
अधिवक्ताओं का कहना है कि शनिवार को दीनू को जेल भेज दिया गया। अब मंगलवार को इस मामले में कोर्ट में पेशी होगी। बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्या के मामले में साढ़े चार साल बाद एडवोकेट दीनू उपाध्याय को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा।
पिंटू सेंगर हत्याकांड में नामजद हुआ था दीनू उपाध्याय
पिंटू सेंगर हत्याकांड में दीनू उपाध्याय नामजद हुआ था, लेकिन दीनू की पकड़ तथा पहुंच के चलते तत्कालीन विवेचनाअधिकारी ने इस मुकदमे से दीनू का नाम निकाल दिया था। इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से होने के बाद उन्होंने मामले में जांच कराई, जिसमें प्रथम दृष्टया पिंटू सेंगर की हत्या में अधिवक्ता दीनू की भूमिका सामने आई। उसके खिलाफ पिंटू के भाई ने कोर्ट में पहले ही बयान दर्ज करा दिए थे, जिसके बाद टीम बनाकर शुक्रवार को एडवोकेट दीनू उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया।
आधा दर्जन एसीपी व इंस्पेकटर रहे तैनात
कई थानों की फोर्स थाने के बाहर जमा रही। कचहरी के आसपास भी इसमें आधा दर्जन एसीपी के अलावा इंस्पेक्टरों से लेकर सिपाही तक दो से ढाई हजार पुलिस कर्मियों की फोर्स लगाई गई। मजिस्ट्रेट के सामने पेश कराने के बाद एडवोकेट को सुबह साढ़े दस बजे जेल में दाखिल कर दिया गया। मजिस्ट्रेट कोर्ट में एडवोकेट दीनू उपाध्याय की पेशी के बाद पुलिस फोर्स उसे पुलिस लाइन ले गई, जहां से जेल तक पैदल लेकर आई और जेल गेट से उसे जेल में दाखिल करा दिया।
ये था मामला
जून 2020 को चकेरी थाना क्षेत्र में बसपा नेता पिंटू सेंगर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पिंटू की हत्या सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिवंगत सपा नेता चन्द्रेश सिंह के घर के सामने उस समय कर दी गई थी जब वो एक जमीन के संबंध में बातचीत करने गए थे। हाई प्रोफाइल मर्डर केस में मृतक पिंटू के भाई धर्मेन्द्र सिंह सेंगर ने पप्पू स्मार्ट, सऊद अख्तर, महफूज अख्तर, मनोज गुप्ता, दीनू उपाध्याय, अरिदमन सिंह एवं अज्ञात हत्यारों के खिलाफ चकेरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना के बाद हत्याकांड की साजिश में आमिर बिच्छू, तौसीफ, तनवीर बादशाह, टायसन, वीरेंद्र पाल, सिपाही श्याम सुशील मिश्रा, के अलावा हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटर हैदर, राशिद कालिया, फैसल कुरैशी, अहसान कुरैशी, सलमान बेग का नाम सामने आया था। पुलिस ने इन सभी को अरेस्ट करके जेल भेजा था। लेकिन विवेचना के दौरान पुलिस ने दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज और अधिवक्ता अरिदमन सिंह का नाम केस से बाहर कर दिया था। मृतक के भाई धर्मेन्द्र सिंह ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी, जिसके बाद फिर दीनू उपाध्याय का नाम केस में बढ़ाया गया।