पिंटू सेंगर हत्याकांड में अभियुक्त बनाए गए अधिवक्ता दीनू उपाध्याय की जमानत गुरुवार को नहीं हो सकी। अधिवक्ता उन्हें जमानत दिला चाहते थे लेकिन गुरुवार को भी जमानत नहीं मिली। जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान विवेचक ने बताया कि, केस डायरी उपलब्ध नहीं है। केस डायरी न होने पर बात पर उनकी जमानत के लिये दो दिन बाद यानि सत्तरह मई की तारीख लगा दी गई। इस बीच पुलिस ने भी दीनू के राज सामने लाकर उनकी जमानत रद् कराने के लिये प्रयास तेज कर दिये। इसी के साथ पुलिस ने दीनू की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए दरख्वास्त लगाई है। ऐसे में कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 17 मई की नई तारीख देकर पुलिस को केस डायरी के साथ मौजूद होने का आदेश दिया है।
अब लटक सकती है दीनू उपाध्याय की जमानत
कानून के जानकारों के मुताबिक, जिस तरह से दीनू की रिमांड लेने के लिये पुलिस ने लिखा पढ़ी की उससे इस बात की संभावना ज्यादा है कि पुलिस को दो दिन की रिमांड मिल सकती है ऐसा होने पर पुलिस दीनू से राज उगलवाकर अपने तथ्यों को मजबूत कर सकती है ऐसा हुआ तो दीनू को अगले कुछ दिन में जमानत मिलने की संभावना कम हो सकती है। पुलिस को दीनू की रिमांड मिलने की संभावना ज्यादा है, यदि ऐसा होता है तो दीनू को अगले कई दिन जमानत मिलना मुश्किल हो सकता है।
कस्टडी रिमांड पर आपत्ति से सुनवाई टली
जमानत अर्जी पर केस डायरी नहीं होने के कारण बहस यूं भी मुमकिन नहीं थी, लेकिन इसी दरमियान पुलिस ने दीनू की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए आवेदन कर दिया। दीनू के अधिवक्ता ने कस्टडी रिमांड के लिए पुलिस आवेदन के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई तो शासकीय अधिवक्ता ने जवाब के लिए समय मांग लिया। केस डायरी नहीं होने तथा आपत्ति के जवाब देने के लिए समय की दरकार के कारण अदालत ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए नई तारीख 17 मई को मुकर्रर कर दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जून 2020 में जाजमऊ इलाके में पिंटू सेंगर की हत्या वाले दिन दीनू उपाध्याय और अरिदमन सिंह की मौजूदगी आसपास थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बाद में दोनों ने अपने-अपने मोबाइल फोन और सिम कार्ड को बदल लिया। मोबाइल और सिम के साथ-साथ कुछ अन्य साक्ष्यों के संकलन के लिए पुलिस ने दीनू की रिमांड मांगी है।