कानपुर। फतेहपुर में प्रधान के पुत्रों व पौत्र की हत्या के बाद नाराज ग्रामीण पुलिस के बुल्डोजर एक्शन के बाद माने और दोपहर बाद शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इधर तिहरे हत्याकांड के बाद अहरी गांव में तनाव में है। तनाव व हंगामे को देखते हुए आसपास के जनपदों की पुलिस को भी फतेहपुर बुला लिया गया। शाम को सब कुछ निपट जाने के बाद भी गांव में पुलिस तैनात रही। घटना में शामिल आरोपियों और इसकी साजिश रखने वालों की भी तलाश में पुलिस ने अपने खुफियातंत्र को सक्रिय किया है।
चुनावी रंजिश में की गई थी तीन की हत्या
फतेहपुर जनपद के अहेरी गांव में मंगलवार को प्रधानी के चुनाव की रंजिश में गांव के प्रधान राम दुलारी देवी के पुत्र व भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के जिला उपाध्यक्ष विनोद सिंह उर्फ पप्पू सिंह उनके भाई अनप सिंह तथा भाकियू के एकलौते पुत्र अभय सिंह की हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने पूरी .योजना बनाकर तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया। घटना के बाद से गांव में तनाव बना था।
नहीं उठने दिये थे शव
घटना से नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को ही जाम लगाकर हंगामा किया था । पोस्टमार्टम के बाद परिवार वालों तथा गांव के लोगों ने हत्या में शामिल आरोपितों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने तथा आरोपितों के घर बुल्डोजर से ध्वस्त करने की मांग को लेकर शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार करक दिया था। इस बात की जानकारी मिलने पर सुबह ही जिलाधिकारी तथा एसपी मौके पर पहुंच गए। इस बीच प्रयागराज से भाकियू के नेता भी यहां पहुंचे। प्रशासन के काफी देर समझाने के बाद भी ग्रामीण शवों का अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हुए। बाद में पुलिस ने हत्यारोपितों के मकान के अवैध निर्माण को बुल्डोज से गिरवाया इसके बाद ग्रामीण शांत हुए। पुलिस ने भी आरोपितों पर सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिया। इसके बाद गुस्साए ग्रामीण शवों का अंतिम संस्कार करने को तैयार हुआ तब बुधवार की शाम शवों का अंतिम संस्कार किया जा सका।
मूंछों पर ताव देना बनी हत्या की वजह
मंगलवार सुबह अखरी गांव निवासी भाकियू टिकैत गुट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद अपने घर के बाहर बैठे थे।तभी पूर्व प्रधान सुरेश सिंह का पुत्र पीयूष ट्रैक्टर से निकला और विनोद को देखकर आंखों से घूर दिया।जवाब में विनोद सिंह ने अपनी मूंछों पर ताव दिया।यही से वो ट्रिपल मर्डर की कहानी का आरंभ हो गया। विनोद सिंह पीयूष के पीछे जाने लगे तो बेटे अभय ने मना किया। जब वह नहीं माने तो अभय ने अपने चाचा अनूप को बताया ।विनोद सिंह को पीयूष गांव के बाहर ताहिरापुर चौराहे के पास बनी पुलिया पर मिल गया। जहां दोनों के बीच कहा सुनी हुई । इसी दरम्यान विनोद का छोटा भाई अनूप सिंह (40 ) और पुत्र अभय (25 )आ गए। पूर्व प्रधान सुरेश सिंह भी अपने साथियों संग पहुंच गया और देखते ही देखते सुरेश सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर गोलियां चला दी।करीब दस राउंड गोलियां चली। जिसमें भाकियू नेता विनोद सिंह भाई अनूप सिंह और पुत्र अभय सिंह की मौके पर हीं मौत हो गई ।जिसके बाद आरोपित स्कॉर्पियो से भाग निकले।
पहले से तैयार थी मर्डर की प्लानिंग,कोई बच न सका
तिहरे हत्याकांड में कातिलों ने किसी को बचने और भागने का कोई मौका नहीं दिया।जिस जगह पर घटना को अंजाम दिया गया वहां पर पुलिया थी जिसके दोनों ओर तीनों शव बरामद हुए है।दिल को झकझोर देने वाली घटना का मंजर क्या रहा होगा ये पुलिया के पास पड़े शवों को देखकर समझा जा सकता है। तीनों शव त्रिकोण अवस्था में पड़े मिले।जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी मृतकों ने बचाव की कोशिश की थी जो कामयाब नहीं हो सकी।हत्यारे घटना को अंजाम देकर मौके से स्कॉर्पियो से फरार हो गए।जिस तरह से घटना हुई उससे साफ पता चलता है कि ट्रिपल मर्डर की स्क्रिप्ट पहले ही लिखी जा चुकी थी।पीयूष का विनोद सिंह को आंखे दिखाना ,अचानक सुरेश सिंह का हथियारों से लैस अपने साथियों संग मौके पर पहुंचना और घटना के बाद स्कॉर्पियो से भाग जाना ये सब कुछ संयोग नहीं हो सकता।